नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त कर रविवार दोपहर दिल्ली लौट आये हैं. बताया जा रहा है कि चीफ जस्टिस पर महाभियोग की विपक्ष की मांग पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मुलाकात कर सकते हैं. उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में बदलाव इसलिए मायने रखता है कि कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी पार्टियों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग का एक नोटिस दिया है.
दरअसल, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. सरकारी सूत्रों ने बताया कि यात्रा कार्यक्रम में अचानक किये गये बदलाव के लिए कोई आधिकारिक वजह नहीं दी गयी है. पिछले कई दिनों से लगातार महाभियोग की मांग कर रही प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने रविवार को कहा कि कथित ‘कदाचार’ के आरोपों से मुक्त होने तक प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को न्यायिक और प्रशासनिक कामकाज से खुद को अलग करना चाहिए. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि भाजपा प्रधान न्यायाधीश का बचाव कर न्यायपालिका के सर्वोच्च पद का अपमान कर रही है और इस मामले का राजनीतिकरण कर रही है.
सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधान न्यायाधीश को सामने आना चाहिए और भाजपा से कहना चाहिए कि वह प्रधान न्यायाधीश के पद का राजनीतिकरण नहीं करे.’ उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश का पद सवालों के घेरे में आया है तो उनको महाभियोग से संबंधित प्रक्रिया के चलने तक न्यायिक और प्रशासनिक कामकाज से दूरी बनानी चाहिए. कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कहा, ‘वह (न्यायमूर्ति मिश्रा) देश के प्रधान न्यायाधीश हैं. उनको अपने को खुद जांच के सुपुर्द करना चाहिए. यह उन पर आरोप नहीं है, बल्कि देश पर आरोप हैं. हम किसी का अपमान करने के लिए नहीं आये हैं. लेकिन इन गंभीर आरोपों की सच्चाई सामने आनी चाहिए. ऐसा होना देश और न्यायपालिका के हित में है.’
उन्होंने कहा, ‘जब तक नोटिस पर कार्रवाई हो रही है तब तक प्रधान न्यायाधीश को खुद सोचना चाहिए कि उन्हें न्यायपालिका में किस तरह से भागीदारी करनी है. प्रधान न्यायाधीश का पद बहुत बड़ा होता है. यह विश्वास से जुड़ा होता है. उन पर कदाचार के आरोप लगे हैं. उनको पहले विश्वास अर्जित करना चाहिए. उन्हें यह सोचना चाहिए कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्हें न्यायाधीश के रूप में काम करना है या नहीं.’
गौरतलब है कि गत शुक्रवार को कांग्रेस और छह अन्य विपक्षी दलों ने देश के प्रधान न्यायाधीश पर ‘कदाचार’ और ‘पद के दुरुपयोग’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था. महाभियोग प्रस्ताव पर कुल 71 सदस्यों ने हस्ताक्षर किये हैं, जिनमें सात सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं. महाभियोग के नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल हैं.
CJI पर महाभियोग चलाने का नोटिस देना कांग्रेस की महामूर्खता : नकवी
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा पर महाभियोग चलाने की मांग को लेकर राज्यसभा के सभापति के समक्ष नोटिस लाने को महामूर्खता बताया. यह पहली बार है जब वर्तमान सीजेआई के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग को लेकर नोटिस लाया गया है.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसा प्रस्ताव लाना कांग्रेस की महामूर्खता है. जैसा कि कहते हैं ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि,’ उसी तरह यह कांग्रेस पार्टी की ‘विनाश काले पप्पू बुद्धि’ है.’ हालांकि नकवी ने पार्टी पर हमला बोलते वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया लेकिन ‘पप्पू’ शब्द का इस्तेमाल राहुल पर निशाना साधने के लिए किया जाता रहा है.