सत्ता के लिए कदमताल, एनडीए को सशर्त समर्थन के लिए बीजद तैयार
नयी दिल्ली : सरकार गठन की संभावनाओं के बीच नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह समेत भाजपा के शीर्ष चार नेताओं का एक समूह उभर कर सामने आया है, जिसके द्वारा सभी महत्वपूर्ण फैसले किये जाने की संभावना है. इस समूह की बुधवार को एक बैठक अहमदाबाद में हुई, जिसमें नितिन गडकरी और अरुण […]
नयी दिल्ली : सरकार गठन की संभावनाओं के बीच नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह समेत भाजपा के शीर्ष चार नेताओं का एक समूह उभर कर सामने आया है, जिसके द्वारा सभी महत्वपूर्ण फैसले किये जाने की संभावना है. इस समूह की बुधवार को एक बैठक अहमदाबाद में हुई, जिसमें नितिन गडकरी और अरुण जेटली ने भी शिरकत की. पार्टी सूत्रों के मुताबिक आगे से यह समूह महत्वपूर्ण फैसले करेगा. इससे पूर्व इस प्रकार के फैसले भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा लिए जाते थे,जिसमें लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे. कोर समूह के चारों सदस्य इस बोर्ड के पहले से ही सदस्य हैं.
ग्रुप की अहमदाबाद में हुई बैठक में इन बातों पर फैसला किया गया कि आडवाणी और जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं की सरकार में क्या भूमिका रहेगी. अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं पार्टी की एक बैठक बुलाऊंगा, जिसमें वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया जायेगा. उनसे विचार- विमर्श के बाद , हम तय करेंगे कि कौन व्यक्ति क्या भूमिका निभायेगा.
बैठक के संबंध में राजनाथ सिंह ने कहा कि दिल्ली में हम अक्सर मिलते हैं. अगर मोदी दिल्ली आते तो स्वाभाविक रूप से पूरा दिन बरबाद होता. हमारे बीच टेलीफोन पर बात हुई और मैंने कहा कि टेलीफोन पर लंबी बात संभव नहीं है. इसलिए हम लोग थोड़ी देर बैठें और चुनाव प्रचार पर अनुभव को साझा करें.
* मुलाकातों की गहमागहमी
इससे पूर्व दिल्ली में बुधवार को दिन में भाजपा नेताओं की आपस में मुलाकातों की गहमागहमी रही. राजनाथ सिंह सुषमा स्वराज से मिलने उनके निवास गये, तो गडकरी ने भी सुषमा से भेंट की. गडकरी इन दिनों पार्टी के भीतर के विभिन्न समूहों से विचार -विमर्श करने में काफी सक्रिय हैं. सुषमा ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजनाथ सिंह और गडकरी से उनकी मुलाकात के ज्यादा अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए. वहीं वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और अमित शाह ने भी परिणामों से उभरने वाली स्थिति पर चर्चा की.
– परहेज नहीं, विकल्प खुला
* मोदी मित्र, पर करें थोड़ा इंतजार
एआइएडीएमके के प्रवक्ता के मलई स्वामी ने कहा कि नरेंद्र मोदी और जयललिता दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त हैं. भले ही राजनीतिक मतभेद हों. जयललिता चाहेंगी कि केंद्र सरकार के साथ तमिलनाडु सरकार के रिश्ते बेहतर हों. यदि भाजपा इस बात को मान लेती है, तो हमें भी भाजपा मंजूर हैं. वहीं, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने कहा कि लोकसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के बाद ही वह कोई टिप्पणी करेंगी.
* बीजद तैयार, पर सोचा नहीं
बीजू जनता दल के मुख्य सचेतक प्रवत त्रिपाठी ने कहा कि पूरे देश की राय और राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र में सरकार बनाने की स्थिति में एनडीए को सशर्त समर्थन देने में पार्टी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. इस बीच ओडि़शा के मुख्यमंत्री और बीजद नेता नवीन पटनायक ने एनडीए को समर्थन देने के मुद्दे पर कहा कि इस संबंध में कोई बातचीत नहीं हुई है और न ही सोचा है. परिणामों तक इंतजार करें. विशेषज्ञों का मानना है कि ओडि़शा विधानसभा में बीजद को पूर्ण बहुमत नहीं पाने की स्थिति में भाजपा के समर्थन की दरकार होगी.ऐसे में वह एनडीए का हिस्सा बनेगी.
* सहयोगी की जरूरत क्यों
यदि पूर्ण बहुमत से भाजपानीत एनडीए की सरकार बनती भी है, तो उसे नये सहयोगी की सख्त जरूरत होगी, क्योंकि पार्टी को फिलहाल राज्यसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है. ऐसे में कोई भी विधेयक पारित करवाने के लिए सहयोगी की जरूरत तो पड़ेगी ही. नितिन गडकरी ने कहा कि राजग को बहुमत मिलेगा, लेकिन तब भी पार्टी के दरवाजे सहयोगियों के लिए खुले हैं.
* हमें सिरे से खारिज नहीं करें
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता. वह धर्मनिरपेक्षता की राजनीति के लिए संघर्ष करती रहेगी. चाहे विपक्ष में बैठें. मीडिया ने हमें 1977, 1989, 2004 और 2009 में भी खारिज किया था.
– परिवर्तन की आहट
* संगठन में बदलाव की चर्चा
चर्चा है कि भाजपा में संगठन स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव होंगे, जिसके तहत गडकरी को फिर से पार्टी प्रमुख के रूप में वापस लाया जायेगा. राजनाथ सिंह को सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा जायेगा. हालांकि गडकरी ने हालांकि ऐसी संभावना से इनकार किया है. सूत्रों के अनुसार आरएसएस ने भी सलाह दी है कि सरकार बनने की स्थिति में पार्टी को कमजोर नहीं होने दिया जाये और उसकी मजबूती और जोश में कमी नहीं आने दी जाये.