11.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

”पाकिस्तान और चीन से एक साथ निबटने के लिए वायुसेना तैयार”

नयी दिल्ली : पाकिस्तान और चीन से एक साथ निबटने की वायुसेना की तैयारी का संकेत देते हुए वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने सोमवार को कहा कि 13 दिनों तक चले इस विशाल युद्धाभ्यास से वायुसेना ने तय लक्ष्यों से कहीं ज्यादा सफलता हासिल की है. युद्धाभ्यास ‘गगनशक्ति’ के समापन के बाद धनोआ ने बताया […]

नयी दिल्ली : पाकिस्तान और चीन से एक साथ निबटने की वायुसेना की तैयारी का संकेत देते हुए वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने सोमवार को कहा कि 13 दिनों तक चले इस विशाल युद्धाभ्यास से वायुसेना ने तय लक्ष्यों से कहीं ज्यादा सफलता हासिल की है.

युद्धाभ्यास ‘गगनशक्ति’ के समापन के बाद धनोआ ने बताया कि वायुसेना के जंगी, मालवाहक और रोटरी विंग विमानों ने 11,000 अधिक उड़ानें भरीं. पिछले तीन दशक में वायुसेना का यह सबसे बड़ा अभ्यास था. धनोआ ने कहा, ‘वायुसेना के सभी पुरुष एवं महिला कर्मियों ने इस मौके पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और तय लक्ष्यों से कहीं ज्यादा सफलता हासिल की.’ वायुसेना ने आठ से 20 अप्रैल तक चले इस विशाल अखिल भारतीय अभ्यास के तहत अपनी पूरी जंगी मशीनरी उतार दी थी. ब्रह्मोस और हार्पून जहाज रोधी मिसाइलों जैसे सामरिक हथियारों से लैस जंगी विमानों ने अपनी मारक क्षमता को परखने के लिए दूर दूर तक निशाने साधे. वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘हमने साजो-सामान को 48 घंटे के भीतर एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की क्षमता हासिल की. गगन शक्ति का संपूर्ण उद्देश्य पूरी तरह हासिल कर लिया गया.’ वैसे उन्होंने उसका ब्योरा नहीं दिया.

इस अभ्यास की अहमियत समझाते हुए वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साजो सामान को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने का उद्देश्य दो मोर्चे पर लड़ाई की स्थिति में एक मोर्चे पर दुश्मन को तबाह करने के बाद 48 घंटे के अंदर साजो सामान को दूसरे मार्चे पर ले जाना और उन्हें तैनात करना है. धनोआ ने कहा कि वायुसेना ने सेवा परखने के सभी मापदंड, आकस्मिक अभियान, साजो सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की क्षमता, सेना और नौसेना के साथ संयुक्त अभियानों के लक्ष्यों को हासिल किया. ये विषय वायुसेना की जंगी मशीनरी के अहम पहलू हैं. यह अभ्यास ऐसे वक्त में किया गया है जब चीन भारत के साथ लगती सीमा पर दिखा रहा है कि उसका दबदबा बढ़ गया है तथा पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर झड़प जारी रखे हुए है.

गगन शक्ति में मरुस्थल, लद्दाख जैसे ऊंचे स्थानों, समुद्री क्षेत्रों तथा करीब करीब सभी संभावित रणक्षेत्रों के हिसाब से तत्काल समय पर कार्रवाई करने की अपनी क्षमता का वायुसेना ने अभ्यास किया. वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने यह सोचकर यह अभ्यास किया कि जैसे कि हम जंग में उतर रहे हैं.’ जब धनोआ से वायुसेना द्वारा मलक्का की खाड़ी में हमला करने की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इससे स्पष्ट इनकार किया. अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना ने मलक्का की खाड़ी में 4000 किलोमीटर तक अपने समुद्री लक्ष्यों तक पहुंचने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. हालांकि, बल ने भारतीय नौसेना द्वारा प्रदत्त लक्ष्यों को ही निशाना बनाया. उनमें से कोई भी लक्ष्य मलयेशिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया के इर्द-गिर्द के जलमार्ग में नहीं था.

यह अभ्यास हवाई क्षेत्र के लचीले उपयोग, भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री वायु अभियान, भारतीय सेना के साथ संयुक्त अभियान, दुश्मन के क्षेत्र में गिरा दिये गये विमान के चालक दल को प्रभावी तरीके से निकालने जैसे विषयों पर भी केंद्रित था. अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास का लक्ष्य भीषण संघर्ष की स्थिति वायुसेना के साथ तत्काल समन्वय एवं उसकी तैनाती सुनिश्चित करना था और यह उद्देश्य पूरी तरह हासिल हुआ. उस दौरान सूचना प्रौद्योगिकी आधारित अभियानों तथा लंबे मिशन की अवधारणा को भी प्रभावी तरीके से परखा गया. अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान और चीन को इस विशाल अभ्यास की सूचना दे दी गयी थी. उन्होंने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, आयुध फैक्टरी बोर्ड जैसे सरकारी संगठनों ने भी अभ्यास में पूरा सहयोग किया. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आयुधों की कुशलता से काफी प्रभावित हुईं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें