भोपाल : जोधपुर की अदालत द्वारा एक नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में आसाराम को बुधवार को दोषी करार दिये जाने के बाद भोपाल नगर निगम ने शहर में दो स्थानों से आसाराम के नामवाले बोर्ड हटा दिये.
आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासन द्वारा आसाराम के नामकरणवाले स्थानों के नाम में बदलाव करने का आश्वासन दिया था. इसके तुरंत बाद नगर निगम हरकत में आ गया. भोपाल गैस पीड़ितों के हित में काम करनेवाली महिला सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा के ट्विटर पर जारी किये गये वीडियो का उत्तर देते हुए चौहान ने ट्वीट किया, ‘हमारे देश में कानून, संविधान और जनभावना से ऊपर कुछ भी नहीं है. यह वह देश है जहां औरंगजेब रोड का नाम भी बदल दिया गया है. जल्द ही इस मामले पर भी उचित कार्यवाही करेंगे.’ मुख्यमंत्री के इस ट्वीट के तुरंत बाद ही भोपाल के महापौर आलोक शर्मा स्वयं ही शहर के एयरपोर्ट रोड पर स्थित आसाराम बस स्टॉप पहुंच गये और वहां लगे नाम के बोर्ड हटवा दिये.
शर्मा ने कहा, ‘शहर में आसाराम के नामवाले सभी स्थानों के नाम में अब बदलाव किया जायेगा. मैंने आसाराम बस स्टॉप और चौराहे पर लगा बोर्ड हटवा दिया है. बस स्टॉप और चौराहे का नया नाम क्या हो, इसका निर्णय बाद में किया जायेगा.’ ढींगरा ने वीडियो में कहा, ‘काफी इंतजार के बाद राजस्थान में एक अदालत द्वारा नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को दोषी करार देकर सजा दी गयी है और शहर भोपाल जहां मैं रहती हूं, वहां एक चौराहा और बस स्टॉप उसके नाम पर हैं.’ ढींगरा ने कहा, ‘इसलिए महिला अधिकारों के समर्थन और संरक्षण का दावा करनेवाले मुख्यमंत्री से मैं जानना चाहती हूं कि क्या वह आसाराम के नामवाले चौराहे और बस स्टॉप का नाम बदलेंगे.’ इसके बाद एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय हुंका ने ढींगरा के ट्वीट से मुख्यमंत्री को टैग कर दिया और ढींगरा की बात पर उनका मत स्पष्ट करने की मांग की. इसके जवाब में मुख्यमंत्री चौहान ने इस मामले में कार्यवाही के लिए आश्वास्त किया.