रस्मी दोपहर भोज में नहीं पहुंचे न्यायमूर्ति चेलामेश्वर
नयी दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ परोक्ष रूप से विद्रोह करनेवाले उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर बुधवार को तब छुट्टी पर रहे जब सभी न्यायाधीश बुधवार के रस्मी दोपहर भोज में मिले. प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ कांग्रेस नीत विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा खारिज […]
नयी दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ परोक्ष रूप से विद्रोह करनेवाले उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर बुधवार को तब छुट्टी पर रहे जब सभी न्यायाधीश बुधवार के रस्मी दोपहर भोज में मिले.
प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ कांग्रेस नीत विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा खारिज किये जाने के दो दिन बाद ऐसी अटकलें थीं कि क्या न्यायमूर्ति चेलामेश्वर बुधवार को दोपहर भोज बैठक में शामिल होंगे. परंपरा के तहत उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीश हर बुधवार को दोपहर भोज में मिलते हैं. इनमें से हर किसी को बारी-बारी से अपने गृह राज्य का ‘घर का खाना’ लाना होता है. सूत्रों ने बताया कि बुधवार को न्यायमूर्ति मोहन एम शांतानागोदर की बारी थी. वह कर्नाटक से हैं. जब न्यायमूर्ति चेलामेश्वर के कार्यालय से संपर्क किया गया तो बताया गया कि न्यायमूर्ति काम पर नहीं गये , लेकिन कोई कारण नहीं बताया गया.
अदालत से उनकी अनुपस्थिति काफी मायने रखती है क्योंकि सूत्रों ने कहा था कि जब नायडू ने महाभियोग नोटिस को खारिज किया तो उस समय न्यायमूर्ति चेलामेश्वर सोमवार की बैठक में मौजूद थे. सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एमबी लोकुर ने जहां महाभियोग मुद्दे को छोड़कर आगे बढ़ने का पक्ष लिया था, वहीं न्यायमूर्ति चेलामेश्वर बैठक में चुप रहे थे.