नयी दिल्ली : सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को पदोन्नति देकर उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाने संबंधी शीर्ष अदालत की कोलेजियम की सिफारिश आज पुन : विचार केलिए वापस लौटा दी. इस घटनाक्रम से न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच तनाव और बढ़ सकता है. विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज सवेरे प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर कोलेजियम में फिर से विचार करने का अनुरोध किया. वहीं, इस मामले में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि अगर केंद्र चाहता है कि हम उस फैसले पर पुनर्विचार करें तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
प्रसाद ने प्रधान न्यायाधीश को यह भी सूचित किया कि वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को आज उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया है. सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ( न्यायाधीशों की समिति ) की सिफारिश स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति जोसेफ के बारे में निर्णय स्थगित रखा. कोलेजियम ने दस जनवरी को एक प्रस्ताव में न्यायमूर्ति जोसेफ और सुश्री इंदु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी.
न्यायमूर्ति जोसेफ का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब उनकी अध्यक्षता वाली उत्तराखंड उच्च न्यायालय की पीठ ने अप्रैल 2016 के फैसले में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अधिसूचना रद्द करने के साथ ही हरीश रावत सरकार को बहाल कर दिया था. न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं देने के सरकार के निर्णय की तीखी प्रतिक्रया हुई है. उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने इस घटनाक्रम को परेशान करने वाला बताया है.
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