साधिका के साथ दुष्कर्म मामले में आसाराम के बेटे नारायण सार्इं की कोर्ट में हु्र्इ पेशी
सूरत : आस्था आैर साधना की आड़ में हवस बुझाने का खेल खेलने वाले तथाकथित धार्मिक गुरु आसाराम को मौत होने तक जेल की सजा सुनाये के एक दिन बाद गुरुवार को साधिका के साथ दुष्कर्म मामले में उसके बेटे नारायण सार्इं को कोर्ट में पेश किया गया. हालांकि, साधिका के साथ दुष्कर्म मामले में […]
सूरत : आस्था आैर साधना की आड़ में हवस बुझाने का खेल खेलने वाले तथाकथित धार्मिक गुरु आसाराम को मौत होने तक जेल की सजा सुनाये के एक दिन बाद गुरुवार को साधिका के साथ दुष्कर्म मामले में उसके बेटे नारायण सार्इं को कोर्ट में पेश किया गया. हालांकि, साधिका के साथ दुष्कर्म मामले में नारायण सार्इं को बुधवार को ही कोर्ट में पेश किया जाना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया. हालांकि, दुष्कर्मी आसाराम का बेटा अग्रिम जमानत हासिल करने की काफी कोशिश भी कर रहा है, लेकिन कोर्ट की आेर से उसे अग्रिम जमानत नहीं मिल पा रही है.
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नारायण सार्इं को सूरत की लाजपोर जेल में 4 साल से बंद रखा गया है. उस पर सूरत की दो बहनों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. आसाराम को मौत होने तक जेल में रखे जाने तक की सजा होने के बाद अब उन दोनों बहनों को विश्वास है कि उन्हें भी अवश्य न्याय मिलेगा. नारायण को बुधवार को यहां कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान मीडिया द्वारा किये गये सवाल पर उसने कोर्इ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उसने किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी. इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है. इसमें काफी वक्त लगने की संभावना है.
नारायण सार्इं इस समय सूरत की लाजपोर जेल में है. लोग उसे एय्याश के रूप में जानते हैं. जेल में वह बीमार भी बताया जा रहा है. उसे कमर में दर्द और हड्डी की बीमारी है. इसके अलावा, वह दांत और जबड़े की बीमारी से भी ग्रस्त है. वह बार-बार अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करता रहा है, उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल भी ले जाया जाता रहा है.
साधिका से दुष्कर्म के मामले में फरियादी पक्ष की ओर से दलील पूरी हो चुकी है. इसमें नारायण पर अपनी ही साधिका के यौन शोषण का आरोप लगाया गया है. पीड़िता का परिवार आसाराम का भक्त था तथा उनके कहने पर ही परिजनों ने दोनों युवतियों को आश्रम में सेवादार के रूप में छोड़ने का फैसला किया था, लेकिन आसाराम आैर नारायण दोनों ने मिलकर उनके साथ दुष्कर्म किया था.
नारायण को सूरत पुलिस ने बड़ी मुश्किल से हरियाणा-दिल्ली सीमा से गिरफ्तार किया था. उसे पकड़ने के लिए गुजरात पुलिस की 58 टीमें जुटी थीं. सूरत के इस पीड़ित परिवार को पूरी सुरक्षा दी गयी है. उन्हें कई बार आसाराम आश्रम आैर सेवादारों की ओर से धमकियां मिल चुकी हैं.