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#ModiInChina मोदी-शी में बनने लगी कैमेस्ट्री, अगले साल भारत आ सकते हैं जिनपिंग

आजएशिया के दो सबसे बड़े देश भारत व चीन केनेता ने चीन के वुहान शहर में अनौपचारिकरूप से साझा विकास की गंभीर बातें की. दोनों नेताओं में अब नयी कैमेस्ट्री बनती दिख रही है अौर डोकलाम विवादके बाद जमी बर्फ पिघलने के संकेत मिल रहे हैं. आपसी मतभेदों से हटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन […]

आजएशिया के दो सबसे बड़े देश भारत व चीन केनेता ने चीन के वुहान शहर में अनौपचारिकरूप से साझा विकास की गंभीर बातें की. दोनों नेताओं में अब नयी कैमेस्ट्री बनती दिख रही है अौर डोकलाम विवादके बाद जमी बर्फ पिघलने के संकेत मिल रहे हैं. आपसी मतभेदों से हटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन केराष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी के लिए काम करने को तैयार हैं.दोनों नेता आज रातफिर एक बार रात्रिभोज पर मिलेंगे. पढ़ें दिन भर का ब्यौरा :


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी से कहा कि वह अगले वर्ष भारत में अगली अनौपचारिक शिखर बैठक की मेजबानी करके खुश होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औरचीन के राष्ट्रपति शीजिनपिंग ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. इस दौरान प्रधानमंत्रीमोदी ने कहा कि वास्तव में आज भारत के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं, क्योंकि मैं पहलाभारतीय प्रधानमंत्रीहूंजिसकी आपने दो बार अपनी राजधानी से बाहर आगवानी की है.

प्रधानमंत्रीमोदी ने कहा, दोनों देशभारत व चीन में दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी रहती है. इसका आशय है कि इनके लिए काम कर हमें दुनिया की कई समस्याओं का समाधान करना है. मोदी नेशी को याद कराया कि आपके कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस के समयके वक्तव्य में न्यू इरा का जिक्र था, मैं भारत में न्यू इंडिया की बात करता हूं. आपका न्यू इरा का सपना और हमारा न्यू इंडिया का प्रयास विश्व के लाभ के लिए सही दिशा में कदम है. मोदी ने कहा कि 2000 साल में 1600 साल तक भारत व चीन दुनिया के इकोनॉमिक ग्रोथ के इंजन रहे हैं.

मोदी ने आज चीन के राष्ट्रपति से वन-टू-वन बातचीतके दौरान कहा कि सिंधु सभ्यता व चीनी सभ्यता दोनों का विकासनदियों के किनारे हुआ है. उन्होंने कहा हमारे देश में कई नदिया हैं. हम मोहनजोदड़ो व हड़प्पा सभ्यता की बात करते हैं, जिसके आसपास ही सारे विकास ने आकार लिया. वहीं, चीन के राष्ट्रपति शीजिनपिंग ने कहा कि हम समझते हैं कि आपपूर्वी व पश्चिमी चीन मेंरुचि रखते हैं. वुहानसेंट्रल चीन में है,यह वह वजह है कि हमने यहां क्यों बैठक रखी है.


शी ने मोदी को बताया कि वुहान हुबई राज्य की राजधानी है, जो ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित हुआ है और प्रमुख इंडस्ट्रियल बेस है. मोदी ने इस दौरान बताया कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो हुबई प्रांत की यात्रा पर आये थे.

मोदी-शी के मुलाकात के कार्यक्रम


दोनों नेताओं की सीधी वार्ता के बाद दूसरे स्तर की डेलिगेशन लेवल की वार्ता होगी.

डेलिगशेन लेवल की वार्ता में दोनों पक्षों से छह-छह शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे.

आज रात दोनों नेता प्रसिद्ध ईस्ट लेक में साथ-साथ भोजन करेंगे.

कल सुबह 10 चीन के समय के अनुसार, सुबह दस बजे झील के किनारे दोनों नेता साथ टहलेंगे व नौकायन करेंगे.

शनिवार को दोनों नेता दोपहर भोजन करेंगे और फिर बातचीत होगी.

वुहान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज वुहान शहर में मिले. चीन के राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी का हुबेई प्रोविंशियल म्यूजियम में स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो चुका है. वुहान में होने वाली दो दिवसीय अनोखी शिखर वार्ता का दौर शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. चीन के क्रांतिकारी नेता माओ त्से तुंग छुट्टियों में अकसर वुहान और यहां स्थित ईस्ट लेक आना पसंद करते थे. राष्ट्रपति शी के साथ होने वाली अनौपचारिक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह यहां पहुंचेथे.

अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान दोनों नेता वैश्विक, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर एक – दूसरे से सीधी बातचीत करेंगे. हुबेई प्रोविंशियल म्यूजियम में दोपहर का भोजन करने के बाद दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत का सिलसिला शुरू होगा. इस म्यूजियम में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और सांस्कृतिक पुरावशेष मौजूद हैं.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सीधी बातचीत का दौर खत्म होने के बाद दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक में दोनों पक्षों के छह – छह शीर्ष अधिकारी मौजूद होंगे. इसके बाद दोनों नेता प्रसिद्ध ईस्ट लेक में आमने – सामने बैठ कर रात का भोजन करेंगे. सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच इसके बाद की बातचीत कल सुबह 10 बजे ( स्थानीय समयानुसार ) झील के किनारे टहलते और नौकायन करते हुए शुरू होगी. फिर दोपहर के भोजन के साथ उनकी बातचीत का सिलसिला थमेगा. दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक मुलाकात 2014 में शुरू हुई थी जब मोदी ने गुजरात के साबरमती आश्रम में शी की मेजबानी की थी. उसके बाद से दोनों ने कई अंतरराष्ट्रीय बैठकों के दौरान एक – दूसरे से मुलाकात और बातचीत की. लेकिन यह वार्ता दोनों की ‘ खुले दिल से ‘ होने वाली अनौपचारिक मुलाकात होगी.

#ModiInChina शी जिनपिंग ने नरेंद्र मोदी को वुहान शहर आने का ही न्यौता क्यों दिया?

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