कई रिकॉर्ड बना कर रिटायर हुए डॉ मनमोहन सिंह

।। मिथिलेश झा ।। सोलहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आने से पहले ही प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने अपने कार्यालय से विदाई ले ली. कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें औपचारिक रूप से विदाई दे दी. डॉ मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में कई रिकॉर्ड बनाये जिन्हें तोड़ पाना भारतीय राजनीति के मौजूदा परिदृश्य को देखते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2014 6:48 AM

।। मिथिलेश झा ।।

सोलहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आने से पहले ही प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने अपने कार्यालय से विदाई ले ली. कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें औपचारिक रूप से विदाई दे दी. डॉ मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में कई रिकॉर्ड बनाये जिन्हें तोड़ पाना भारतीय राजनीति के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए आसान नहीं लगता.

वर्ष 2004 में इंडिया शाइनिंग के रथ पर सवार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की करारी हार के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी और गंठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया और सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री मनोनीत कर दिया. इसलिए उन्हें एक्सीडेंटल प्रधानमंत्री के खिताब से नवाजा गया.

राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं होने के बावजूद प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने कई रिकॉर्ड स्थापित किये. पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद डॉ सिंह पहले प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने लगातार 10 वर्ष का कार्यकाल पूरा किया. लगातार 10 वर्ष तक गंठबंधन सरकार का नेतृत्व करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम हो गया. मनमोहन पहले शख्स हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने रिटायरमेंट की घोषणा की.

मनमोहन सरकार की सफलताएं

* देश ने वृद्धि दर का सर्वोच्च शिखर देखा

* आरटीआइ कानून हुआ पास

* मनरेगा योजना को मंजूरी दी

* अमेरिका के साथ परमाणु करार पर हस्ताक्षर हुआ

* नया भूमि अधिग्रहण बिल पास हुआ

* खाद्य सुरक्षा बिल को

– मंजूरी दी गयी

* भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल कानून बना

* अलग तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी मिली

– विफलताएं भी कम नहीं

– आर्थिक वृद्धि और महंगाई

* आर्थिक मंदी के दौरान देश की वित्तीय स्थिति चरमरा-सी गयी

* विदेशी निवेश में भारी कमी

* सुरसा के मुंह की तरह महंगाई लगातार बढ़ती गयी

– घोटालों की भरमार

* 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला

* कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला

* कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला

* रेलवे में प्रोमोशन घोटाला

* सेना में ट्रक खरीद से हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला

– सरकार और सरकारी संस्थान

* सेना और सरकार के संबंध सबसे खराब दौर में पहुंचे

* सीबीआइ को पिंजरे का तोता बनाने के आरोप सरकार पर लगा

– विदेश नीति : वर्ष 2005 में गुजरात के चुने गये मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका द्वारा वीजा नहीं देने और भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे से अमेरिका में बदसलूकी मामले में कमजोर विदेश नीति स्पष्ट उजागर हुई.

* याद करेगा इतिहास

लगातार 10 साल तक यूपीए सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोसनेवाले राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली अब डॉ सिंह को ईमानदार बता रहे हैं. कांग्रेस उनके सम्मान में कसीदे गढ़ रही है. कहा जा रहा है कि यदि कांग्रेस को बड़ी हार मिली, तो इसके लिए मनमोहन सिंह को ही जिम्मेदार ठहराया जायेगा. बहरहाल, जब इतिहास लिखा जायेगा, तो बड़ी-बड़ी उपलब्धियों के साथ उनका नाम जुड़ेगा.

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