-बिलासपुर हाइकोर्ट में पहली बार हो रही है दो महिला जजों की नियुक्त
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में पहली बार किसी महिला आदिवासी जज की नियुक्ति होगी. सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने आदिवासी महिला जज विमला सिंह कपूर की नियुक्ति को मंजूरी देकर इतिहास रच दिया है. इससे पहले छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट के कॉलेजियम ने सात नामों का एक प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट को भेजा था.
इनमें कोटे से चार अधिवक्ता और बेंच कोटे से तीन न्यायिक अधिकारियों के नाम सुप्रीम कोर्ट को भेजे गये. इनमें से जिन चार नामों पर सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है, वे हैं- एडवोकेट पार्थ प्रतिमा साहू, न्यायिक सेवा से गौतम चौरड़िया (रजिस्ट्रार जनरल), विमला सिंह कपूर (जज फैमिली कोर्ट) और रजनी दुबे (रजिस्ट्रार विजिलेंस). अन्य तीन नाम एडवोकेट अभिषेक सिन्हा, एडवोकेट आशीष श्रीवास्तव और एडवोकेट सुनील पिल्लई के थे. मालूम हो कि हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा तीन मई और आठ सितंबर, 2017 को इन नामों का प्रस्ताव प्रक्रिया के तहत पहले राज्य शासन को प्रषित किया था.
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस प्रस्ताव को अपनी सहमति के साथ सुप्रीम कोर्ट भेज दिया था. प्रक्रिया के तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित नाम केंद्रीय विधि मंत्रालय, विधि मंत्री और फिर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजे गये थे. इसके बाद जजों की नियुक्ति का आदेश जारी हुआ. राष्ट्रपति द्वारा जल्द ही जजों की नियुक्ति पत्र जारी होने की संभावना है.
विमला सिंह कपूर ने शुरू किया था बिलासपुर से अपना करियर
60 हजार से अधिक मामले लंबित हैं छग हाइकोर्ट में
छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में सीजे सहित 18 जस्टिस के पद स्वीकृत हैं. स्थापना के बाद से कभी भी यहां 14 से अधिक जस्टिस नहीं रहे हैं. चार नये जस्टिस नियुक्त होने के बाद हाइकोर्ट में जजों की संख्या 16 होगी. इससे लंबित मामलों में कमी आने की संभावना है. हाइकोर्ट में फरवरी 2018 की स्थिति में 60 हजार से अधिक प्रकरण लंबित हैं.
नाम: विमला सिंह कपूर
जन्म : 16/11/1959
स्थान : रायपुर
शुरुआत
न्यायिक सेवा
03/09/1987
पहली पोस्टिंग: बिलासपुर
वर्तमान : जज फैमिली कोर्ट, रायपुर