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दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने मप्र में पांच अध्यक्ष बनाये जाने पर उठाये सवाल

भोपाल : इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने पार्टी आलाकमान पर तंज कसते हुए कहा है कि यदि प्रदेश में पांच अध्यक्ष बनने से पार्टी मजबूत होती है, तो हमें अखिल […]

भोपाल : इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने पार्टी आलाकमान पर तंज कसते हुए कहा है कि यदि प्रदेश में पांच अध्यक्ष बनने से पार्टी मजबूत होती है, तो हमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में कुछ और अध्यक्ष बना देने चाहिए.

यह तंज लक्ष्मण सिंह कथित ट्विटर हैंडल के जरिये किये गये ट्वीट में किया है. गौरतलब है कि 26 अप्रैल को कांग्रेस आलाकमान ने अरुण यादव की जगह पर पार्टी के दिग्गज नेता एवं छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ (71) को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था. कमलनाथ नौ बार मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से सांसद निर्वाचित हुए हैं. इसके अलावा कांग्रेस आलाकमान ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाये हैं. इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह के कथित ट्विटर हैंडल से 26 अप्रैल को किये गये ट्वीट में कहा गया, ‘यदि मध्यप्रदेश में पांच अध्यक्ष (एक अध्यक्ष एवं चार कार्यकारी अध्यक्ष) बनने से कांग्रेस मजबूत होती है तो हमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में तुरंत कुछ और अध्यक्ष बना देने चाहिए, ताकि कांग्रेस देश में और मजबूत हो जाये और मोदी सरकार को (चुनाव में) हरा सकें.’

लक्ष्मण के करीबी सूत्रों के अनुसार कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे जाने से वह नाखुश हैं. लक्ष्मण राघौगढ़ के रहनेवाले हैं. कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ दिन पहले लक्ष्मण ने कमलनाथ द्वारा मध्यप्रदेश चुनाव अभियान की कमान संभालने पर अपने कथित ट्विटर हैंडल में यह भी लिखा था, ‘कमलनाथ द्वारा मध्य प्रदेश चुनाव की कमाना संभालना ब्लूटूथ टेक्नोलोजी के युग में पुराने जमाने का एचएमवी रिकॉर्ड बजाने जैसा है.’ लक्ष्मण के इसी हैंडल से किये गये एक अन्य ट्वीट में हाल में कहा गया था कि चुनाव कार्यकर्ता जिताता है, नेता नहीं. अगर, कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं पर अधिक ध्यान देगी तो जीत निश्वित है.

वर्तमान में लक्ष्मण कांग्रेस में हैं. वह राजगढ़ सीट से पहले भाजपा सांसद रह चुके हैं. लक्ष्मण दो बार कांग्रेस की टिकट पर राघौगढ़ से विधायक भी रहे हैं. वह वर्ष 2004 में भाजपा में गये थे और वर्ष 2010 में फिर कांग्रेस में वापस लौट आये. जब लक्ष्मण के भतीजे एवं दिग्विजय के बेटे जयवर्धन से इस पर प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘कमलनाथ बहुत बड़े एवं योग्य नेता हैं. उनकी आयु उनके काम में बाधा नहीं बनेगी. वह जनता के मसीहा हैं.’

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