सोनिया बोली , परिवर्तन की आंधी के आसार
नयी दिल्ली : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर सभी मोर्चों पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि देश बड़ी तेजी से बदलाव की ओर बढ़ रहा है और आगे ‘परिवर्तन की आंधी के आसार हैं’. पार्टी की ‘जन आक्रोश’ रैली में सोनिया ने कहा, ‘‘आप […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर सभी मोर्चों पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि देश बड़ी तेजी से बदलाव की ओर बढ़ रहा है और आगे ‘परिवर्तन की आंधी के आसार हैं’. पार्टी की ‘जन आक्रोश’ रैली में सोनिया ने कहा, ‘‘आप (कार्यकर्ता) जिस उत्साह के साथ भारी तादाद में यहां आए हैं, यह साबित करता है कि अब हम बदलाव की तरफ़ तेज़ी से बढ़ रहे हैं, देश में परिवर्तन की आंधी के आसार हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ साल से देश में भयंकर परेशानी का माहौल है. समाज का हर तबका बेचैन है. चाहे नौजवान हों, किसान हों, मज़दूर, व्यापारी, छोटे कारोबारी हों, दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक हों, सबको भविष्य का भय सता रहा है.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ बच्चियां तक सुरक्षित नहीं हैं. यही नहीं, उनके अपराधियों तक को संरक्षण मिल रहा है. बेरोज़गार युवाओं, जिन्हें हर साल दो करोड़ रोज़गार उपलब्ध कराने का वादा किया गया था, वे अभी तक रोज़गार की तलाश में हैं. वे अब समझ गये हैं कि उनके साथ क्या धोखा किया गया है. ठीक वही धोखा किसानों के साथ भी हुआ, जिन्हें उनकी उपज की लागत से, दोगुनी क़ीमत दिलाने का वादा मोदी जी ने किया था.” उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ अर्थव्यवस्था को मोदी-सरकार की नीतियों ने पूरी तरह चौपट कर दिया है. पेट्रोल, डीजल के दाम कहां तक पहुंच गये हैं? आप सब जानते हैं और उसका नतीजा आप खुद रोज़-रोज़ झेल रहे हैं .
असंगठित क्षेत्र और खेत कामगारों की हालत बिगड़ती चली जा रही है. मेरी बहनों को मंहगाई की वजह से अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.” सोनिया ने कहा, ‘‘ मोदी जी का बहुत ही पसंदीदा वादा- ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ का क्या हुआ? उनके राज में भ्रष्टाचार की जड़े़ं और गहरी हुई हैं. सत्ता हथियाने के लिए मोदी जी ने जितने वादे किए थे, वे सब खोखले साबित हुए हैं, झूठे साबित हुए हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘क्या हमारे कांग्रेस के पूर्वजों ने ऐसा ही देश बनाने के लिए अपना रक्त बहाया था? उन्होंने अपना सब कुछ न्यौछावर किया क्योंकि वे एक ऐसा भारत बनाना चाहते थे, जिसकी बुनियाद सत्य, प्रेम और अहिंसा पर टिकी हो .
लेकिन इन चार सालों में क्या हुआ, हम सबके सामने है. यह देखकर बहुत दुःख होता है कि आज के भारत में सत्य, प्रेम और अहिंसा नहीं, बल्कि असत्य, नफ़रत और हिंसा का बोलबाला है.” सोनिया ने दावा किया, ‘‘ आज जो न्याय के लिए आवाज़ उठाता है, वह मोदी सरकार के क्रोध का शिकार हो जाता है. वे संसदीय बहुमत को मनमानी करने का लाइसेंस समझते हैं. असहमति को हर स्तर पर कुचलने का अपना अधिकार समझते हैं.” उन्होंने आरोप लगाया, ”देश हिंसक दौर से गुजर रहा है. संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है. चुनाव को ध्यान में रखकर समाज को बांटा जा रहा है. सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है