नीति आयोग जल्द पेश करेगा 15 सालों का विजन पेपर : राजीव कुमार

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि आयोग ‘ नया भारत 2022′ के लिये जल्दी ही विकास एजेंडा लाएगा. इसमें आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये रणनीति होगी. कुमार ने आगे कहा कि नीति आयोग नया भारत 2022 के लिये विकास एजेंडा दस्तावेज को अंतिम रूप देने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2018 3:50 PM

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि आयोग ‘ नया भारत 2022′ के लिये जल्दी ही विकास एजेंडा लाएगा. इसमें आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये रणनीति होगी. कुमार ने आगे कहा कि नीति आयोग नया भारत 2022 के लिये विकास एजेंडा दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद 15 साल के दृष्टिकोण पत्र पर काम करना शुरू करेगा.

उन्होंने कहा , ‘‘ नीति आयोग मिली जिम्मेदारी के अनुसार दृष्टिकोण दस्तावेज और रणनीति मसौदा लाने को लेकर प्रतिबद्ध है. रणनीति दस्तावेज पर काम अग्रिम अवस्था में है और इसका नाम न्यू इंडिया 2022 के लिये विकास एजेंडा दस्तावेज होने की काफी संभावना है. ‘ कुमार ने कहा , ‘‘ एक बार दस्तावेज के पूरा होने के बाद और उसे सार्वजनिक करने के बाद 2030 तक के लिये 15 साल का दृष्टिकोण-पत्र तैयार करने का काम शुरू होगा. ‘ नीति आयोग ने पूर्व में तीन दस्तावेज लाने की योजना बनायी थी.
इसके तहत यह तीन साल का कार्य एजेंडा , सात साल की मध्यम अवधि की रणनीति दस्तावेज तथा 15 साल का दृष्टिकोण पत्र बनाने की बात कही गयी थी. आयोग ने पिछले साल एक एक कार्यक्रम रखी गयी बातों में कहा था कि छह समस्याओं गरीबी , गंदगी , भ्रष्टाचार , आतंकवाद , जातिवाद तथा संप्रदायवाद … से मुक्ति की आधारशिला 2022 तक रखी जाएगी.
उस समय भारत आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा होगा. सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के विनिवेश के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कुमार ने कहा , ‘‘ कुछ लाभ कमा रही सार्वजनिक उपक्रमों में इक्विटी के संभावित मूल्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिये उनके काममाज में सुधार के लिये उपाय किये जा रहे हैं और उसके बाद कुछ हिस्सेदारी को बाजार पर चढ़ाया जाएगा ताकि सरकार इससे लाभान्वित हो सके. ‘ उन्होंने कहा , ‘‘ इस प्रक्रिया का मकसद अधिक लोक जवाबदेही के साथ इन सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज में सुधार लाना तथा सरकार के लिये अधिकतम राजस्व संग्रह करना है.
‘ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने आयोग से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश की व्यवहार्याता के बारे में गौर करने को कहा था. आयोग पहले ही 40 रूग्ण लोक उपक्रमों के निजीकरण की सिफारिश की है. हाल में पंजाब नेशनल बैंक ( पीएनबी ) में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी समेत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हाल में हुई गड़बड़ी का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि कॉरपोरेट कामकाज पर पी जे नायक समिति की सिफारिशों पर गौर करना चाहिए.
रिपोर्ट में सरकारी बैंकों में संचालन व्यवस्था में सुधार को लेकर कुछ सिफारिश की गयी थी. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने देश भर में एक साथ चुनाव कराने की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि इससे बेहतर तरीके से आर्थिक निर्णय हो सकेंगे क्योंकि इससे बार – बार चुनाव के कारण निर्णय के संदर्भ में जो दबाव रहता है , वह दूर होगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत कर चुके हैं

Next Article

Exit mobile version