कांग्रेस ने की राफेल सौदे की न्यायिक जांच की मांग, कर्नाटक से विश्वासघात करने का लगाया आरोप

बेंगलुरु : कांग्रेस ने फ्रांस से अधिक कीमत पर 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के भाजपा नीत राजग सरकार के फैसले की न्यायिक जांच कराने की सोमवार को मांग की. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 36,000 करोड़ रुपये के ‘ऑफसेट राफेल अनुबंध’ से एचएएल को वंचित करके कर्नाटक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2018 10:16 PM

बेंगलुरु : कांग्रेस ने फ्रांस से अधिक कीमत पर 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के भाजपा नीत राजग सरकार के फैसले की न्यायिक जांच कराने की सोमवार को मांग की.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 36,000 करोड़ रुपये के ‘ऑफसेट राफेल अनुबंध’ से एचएएल को वंचित करके कर्नाटक के साथ विश्वासघात किया है. सुरजेवाला के अनुसार यह अनुबंध विमानों के निर्माण में कोई अनुभव नहीं रखनेवाली एक निजी कंपनी को दिया गया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मोदी सरकार के फैसले की उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करती है, ताकि सौदे की अधिक कीमत समेत सच्चाई का पता लगाया जा सके.’ उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार के दौरान तय की गयी कीमत की तुलना में तकरीबन 300 फीसदी अधिक मूल्य पर राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा करके सरकारी खजाने को चपत लगायी गयी.

सुरजेवालाने कहा, ‘हैरान करनेवाली बात है कि डसॉल्ट एविएशन ने वही 48 राफेल विमान दो अन्य देशों मिस्र और कतर को 2015 में प्रति विमान 1319.80 करोड़ रुपये के हिसाब से बेचा है.’ उन्होंने कहा, ‘तब भारत प्रति राफेल विमान के लिए 1670.70 करोड़ रुपये के हिसाब से क्यों भुगतान करे. इसकी खरीद की घोषणा प्रधानमंत्री ने 10 अप्रैल 2015 को की थी. हम साफ तौर पर प्रति विमान 350.90 करोड़ रुपये या 36 विमानों के लिए 12 हजार 632 करोड़ रुपये अधिक कीमत का भुगतान कर रहे हैं.’ सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि एचएएल को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण नहीं करके मोदी सरकार ने एचएएल-डसॉल्ट के बीच ऑफसेट अनुबंध के जरिये कर्नाटक को 36000 करोड़ रुपये के निवेश और हजारों नौकरियों से वंचित किया है.

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