भोपाल : मध्यप्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए आये युवाओं के सीने पर एससी-एसटी लिखने की कथित घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने मामले को लेकर मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है. यहां चर्चा कर दें कि यह अपने तरह का एक अनोखा मामला है जिसके तूल पकड़ने के बाद अब सूबे के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिये हैं.
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सीने पर एससी-एसटी लिखने का मामला गरमाया, मानवाधिकार आयोग ने शिवराज सरकार को भेजा नोटिस
भोपाल : मध्यप्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए आये युवाओं के सीने पर एससी-एसटी लिखने की कथित घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने मामले को लेकर मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है. यहां चर्चा कर दें कि यह अपने तरह का एक अनोखा मामला है जिसके […]
पहचान का अनोखा तरीका
गौर हो कि धार जिले में पिछले दिनों आरक्षकों की भर्ती का अभियान चलाया गया और इन दिनों उनका स्वास्थ्य परीक्षण जारी है. इस परीक्षण में सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 168 सेमी. और एससी-एसटी के लिये 165 सेमी. लंबाई तय है. यहां पहुंचे उम्मीदवारों की पहचान के लिए जिला अस्पताल ने काथित तौर पर एक अनोखा तरीका अपनाया. जिसके तहत आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के सीने पर ही उनका वर्ग दर्ज कर दिया गया.
विपक्ष का निशाना
आपको बता दें कि यह घटना प्रदेश के धार की बतायी जा रहा है. घाटना के बाद शिवराज सरकार विपक्ष के नि शाने पर आ गयी थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस कथित घटना को ‘संविधान पर हमला’ करार दिया था और कहा था कि भाजपा एवं आरएसएस की ‘दलित विरोधी सोच’ को उनकी पार्टी पराजित करेगी. राहुल ने ट्वीट कर कहा था, ‘भाजपा सरकार के जातिवादी रवैये ने देश की छाती पर छुरा मारा है. मध्य प्रदेश के युवाओं के सीने पर एससी/एसटी लिखकर देश के संविधान पर हमला किया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘ये भाजपा/आरएसएस की सोच है. यही सोच कभी दलितों के गले में हांडी टंगवाती थी, शरीर में झाडू बंधवाती थी, मंदिर में घुसने नहीं देती थी. हम इस सोच को हरायेंगे.’
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