अज्ञात और लावारिस शवों का ‘ डीएनए प्रोफाइलिंग ” कराने के लिए विधेयक लायेगी सरकार
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र की उस दलील पर गौर किया जिसमें कहा गया है कि वह ‘ डीएनए प्रोफाइलिंग ‘ के लिए संसद के आगामी सत्र में एक विधेयक पेश करेगा. ‘ डीएनए प्रोफाइलिंग ‘ से अधिकारी अज्ञात एवं लावारिस शवों और लापता लोगों का रिकार्ड रख सकेंगे. प्रधान न्यायाधीश दीपक […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र की उस दलील पर गौर किया जिसमें कहा गया है कि वह ‘ डीएनए प्रोफाइलिंग ‘ के लिए संसद के आगामी सत्र में एक विधेयक पेश करेगा. ‘ डीएनए प्रोफाइलिंग ‘ से अधिकारी अज्ञात एवं लावारिस शवों और लापता लोगों का रिकार्ड रख सकेंगे. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पिंकी आनंद के बयान पर गौर किया.
इसके साथ ही पीठ ने एक जनहित याचिका का निपटारा कर दिया और कहा कि सरकार को ‘ यथासंभव जल्दी ’ कदम उठाने चाहिए. पीठ ने कहा कि केंद्र ने दलील दी कि संसद के आगामी सत्रों में जल्दी ही एक विधेयक लाया जाएगा. पीठ ने कहा कि दलील पर गौर करते हुए हम याचिका का निपटारा करते हैं. पीठ एक गैर – सरकारी संगठन द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया था कि हजारों लावारिस और अज्ञात शवों के मुद्दे पर गौर करने के लिए भारत में कोई राष्ट्रीय डीएनए डाटाबेस नहीं है.