सर्वे : कार्यालयों में महिलाओं की संख्या कम कर सकती है बढ़ी हुई मैटरनिटी लीव!

नयी दिल्ली :मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक, 2016 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 29 मार्च 2017 को अपनी सहमति दे दी थी, जिसके बाद से मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह की जगह 26 सप्ताह हो गयी. इस नये कानून के लागू होने के एक वर्ष बाद एक सर्वेक्षण आया जिसमें यह बात सामने आयी कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2018 4:19 PM

नयी दिल्ली :मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक, 2016 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 29 मार्च 2017 को अपनी सहमति दे दी थी, जिसके बाद से मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह की जगह 26 सप्ताह हो गयी. इस नये कानून के लागू होने के एक वर्ष बाद एक सर्वेक्षण आया जिसमें यह बात सामने आयी कि मैटरनिटी लीव को 26 सप्ताह करने से कार्यालयों में महिलाओं की संख्या को उचित स्तर पर लाने की योजना को चोट पहुंच सकती है.

इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के अनुसार एंप्लॉयमेंट सर्विसेज कंपनी टीमलीज ने एक सर्वे किया, इस सर्वे में 350 स्टार्टअप्स और छोटे एवं मध्यम उद्योगों को शामिल किया गया. इनमें से 26 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि बढ़ी हुई मेटरनिटी लीव के कारण वे महिलाओं की जगह पुरूषों को रखने पर जोर देंगे. वहीं करीब 40 पर्सेंट कंपनियों ने कहा कि वे महिलाओं को रखेंगे तो जरूर लेकिन वे इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि जितना उतना खर्च हो रहा है वह महिला कर्मचारी उस योग्य है या नहीं.

जबकि सर्वेक्षण में शामिल संगठनों में से 39 प्रतिशत ने यह कहा कि कदम का सकारात्मक असर होगा और इससे कामकाज का बेहतर माहौल बनेगा. वहीं 35 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि छह महीने की मैटरनिटी लीव से लागत और मुनाफा, दोनों पर असर पड़ेगा.

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