बुजुर्गों के चेहरे पर आयी मुस्कान: अब मोदी सरकार देगी 10 हजार रुपये पेंशन, 10 साल तक मिलेगा लाभ
नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है. अब प्रधानमंत्री वय वंदना योजना यानी पीएमवीवीवाइ के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपये तक निवेश कर पाएंगे. ऐसा करने से उन्हें हर माह दस हजार रुपये पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इतना ही नहीं […]
नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है. अब प्रधानमंत्री वय वंदना योजना यानी पीएमवीवीवाइ के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपये तक निवेश कर पाएंगे. ऐसा करने से उन्हें हर माह दस हजार रुपये पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इतना ही नहीं इस योजना का सदस्य बनने की अंतिम तारीख भी 4 मई 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दी गयी है. इसका मतलब यह हुआ कि अब वरिष्ठ नागरिक इस बढ़ी हुई तारीख तक इसके सदस्य बन पाएंगे.
यहां चर्चा कर दें कि पहले इस योजना में निवेश सीमा 7.5 लाख रुपये ही थी. यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद लिया गया है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस खबर पर मुहर भी लगायी है. उनके अनुसार निवेश सीमा प्रति परिवार 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने से वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा का कवर बढ़ जाएगा.
आप भी जानें क्या है पीएमवीवीवाई
इस योजना की बात करें तो इसके तहत सदस्यों को 10 साल तक 8 प्रतिशत सुनिश्चित रिटर्न के रूप में पेंशन प्राप्त होती है. वरिष्ठ नागरिक मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर पेंशन लेते है. यही नहीं रिटर्न 8% से कम आने पर सरकार इसका बोझ अपने ऊपर लेती है. केंद्र ने यह कदम सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया है. इस योजना को भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआइसी चला रही है. इसका उद्देश्य 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है. सरकार के अनुसार मार्च 2018 तक कुल 2.23 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने इस योजना की सदस्यता ग्रहण की है. इससे पहले वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना-2014 प्रभावी थी, जिसमें 3.11 लाख वरिष्ठ नागरिक पंजीकृत थे.
ऐसे ले सदस्यता
यदि आपको याद हो तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पेंशन योजना की शुरुआत 2017 में की थी. इस उत्पाद को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी सबस्क्राइब करने की सुविधा उपलब्ध है. इस योजना को माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी से छूट दी गयी है. पेंशन लेने के 3 साल बाद नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिये खरीद मूल्य का 75% तक कर्ज लिया जा सकता है. पेंशनभोगी की पॉलिसी अवधि के दौरान मौत होने की स्थिति में खरीद मूल्य लाभार्थियों को सौंप दिया जाएगा. इस दौरान लागत का भुगतान सरकार से सब्सिडी के रूप में एलआईसी करेगी.