भाजपा नेताओं के दलितों के घर भोजन के तरीके से आरएसएस नाराज, दिखावा से बचने की सलाह
नागपुर : भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दलितों के घर जाकर खान खाने के तरीके से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने असंतोष व नाराजगी जतायी है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भाजपा को सलाह दी है कि वह ऐसा करने से बचे और वही करें जो स्वाभाविक लगे. प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदी ने पार्टी के नेताओं को […]
नागपुर : भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दलितों के घर जाकर खान खाने के तरीके से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने असंतोष व नाराजगी जतायी है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भाजपा को सलाह दी है कि वह ऐसा करने से बचे और वही करें जो स्वाभाविक लगे. प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदी ने पार्टी के नेताओं को गांव में रात गुजराने व खाना खाने की सलाह दी थी. इसके बाद नेताओं में इस तरह की सक्रियता आयी, लेकिन उनके कुछ व्यवहार विवाद का विषयबनगये.सूत्रों के अनुसार, आरएसएस के प्रवक्ता डॉ मनमोहन वैद्य ने इस संबंध में नाराजगी जतायी है और भाजपा नेताओं को ऐसा नहीं करने की सलाह दी है.
दरअसल, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, यूपी केमुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी दलित के घर भोजन के लिए जाते हैं. अमित शाह अपने राजनीतिक प्रवास के दौरान अकसर दलित व आदिवासी परिवार के यहां भोजन करते हैं. पर, कांग्रेस को तब हमलावर होने का मौका मिल गया जब कुछजगहों पर इसे भव्य आयोजन का स्वरूप देदियागया और कैटरर का प्रबंध कराया गया.
उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा के दलित के घर भोजन करने का मामला तब अचानक मीडिया की सुर्खी बन गया, जब यह खबर आयी कि जब एक गांव में इसके लिए गये तो वहां कैटरर को बुलवा कर खाना बनवाया गया और मिनरल वाटर मंगवाया गया. इस पर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गयी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह चाहता है कि भाजपा का सभी वर्गों में समान रूप से पैठ बने और प्रधानमंत्री की पार्टी नेताओं काे सलाह मूल रूप से संघ की सोच की ही उपज है, लेकिन उसके कार्यान्वयन से संघ को नाराज कर दिया है. संघ को इस बात की चिंता है कि ऐसा आयोजन दिखावा लगने से पार्टी को चुनाव में लाभ के बजाय नुकसान हो सकता है.
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