नयी दिल्ली : पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की पहल से जुड़ी खबरों के बीच भारत ने गुरुवारको एक बार फिर स्पष्ट किया कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. दरअसल पाकिस्तान ने पिछले गुरुवार को भारत से द्विपक्षीय वार्ता बहाल करने के लिए कदम उठाने को कहा था.
दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की पहल के बारे में मीडिया में आयी खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कुछ बातें नियमित आधार पर चलती रहती है और इसमें डीजीएमओ समेत अन्य स्तर की चर्चा शामिल है. उन्होंने कहा कि इस बारे में पाकिस्तान के आतंकवाद और आतंकी आधारभूत ढांचे को समर्थन देने के बारे में बार-बार कहा जा चुका है. यह भी कहा जा चुका है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. कुमार ने कहा, ‘इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.’ ज्ञात हो पाकिस्तान ने पिछले गुरुवार को ही भारत से द्विपक्षीय वार्ता बहाल करने के लिए कदम उठाने को कहा था. पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान के बारे में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की थी.
दरअसल, गृहमंत्री ने कहा था कि भारत पहले गोली नहीं चलायेगा, लेकिन यदि पाकिस्तान ऐसा करता है तो गोलियों की बौछार कर दी जायेगी. फैसल ने कहा था कि भारत को वार्ता पर आगे बढ़ना चाहिए और उकसानेवाले बयानों से बचना चाहिए. हमारे सशस्त्र बल संयम रखते हैं, लेकिन क्षमतावान हैं और हमारी सरजमीं को किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं. उन्होंने दावा किया कि भारत संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है और 2018 में अब तक संघर्ष विराम उल्लंघन की एक हजार से अधिक घटनाओं में 23 नागरिक मारे गये हैं तथा 100 अन्य घायल हुए हैं.
एक सवाल के जवाब में फैसल ने कहा था कि हाल ही में लंदन में संपन्न हुए राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच किसी तरह की मुलाकात या कोई औपचारिक बैठक होने की पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि पाकिस्तानी सैनिक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत सैन्य अभ्यास का हिस्सा होंगे. फैसल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए अमेरिकी उप सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स इस हफ्ते की शुरुआत में इस्लामाबाद में थे और पाकिस्तान ने उन्हें कश्मीर के हालात के बारे में अवगत कराया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का रूस के साथ संबंध लगातार बेहतर हो रहा है.