आंध्रप्रदेश में कांग्रेस की बुरी हालत, नयी विधानसभा में एक भी प्रतिनिधि नहीं

हैदराबाद: कभी मजबूत पकड रखने वाली कांग्रेस का नई आंध्रप्रदेश विधानसभा में अब एक भी प्रतिनिधि नहीं होगा क्योंकि राज्य के विभाजन के आलोक में पार्टी के विरुद्ध तीव्र लहर में वह एक भी सीट नहीं जीत पायी. नयी आंध्रप्रदेश विधानसभा 2 जून को औपचारिक रुप से अस्तित्व में आ जाएगी जहां तेलंगाना नहीं होगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2014 5:33 PM

हैदराबाद: कभी मजबूत पकड रखने वाली कांग्रेस का नई आंध्रप्रदेश विधानसभा में अब एक भी प्रतिनिधि नहीं होगा क्योंकि राज्य के विभाजन के आलोक में पार्टी के विरुद्ध तीव्र लहर में वह एक भी सीट नहीं जीत पायी.

नयी आंध्रप्रदेश विधानसभा 2 जून को औपचारिक रुप से अस्तित्व में आ जाएगी जहां तेलंगाना नहीं होगा. यह पहली बार है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पायी है. नई विधानसभा में कुल 175 सदस्य होंगे.इससे पहले कांग्रेस का सबसे खराब चुनावी प्रदर्शन 1994 में (अखंड) आंध्रप्रदेश में हुआ था जब उसे विधानसभा चुनाव में कुल 294 में से केवल 26 सीटें मिली थीं और वह मुख्य विपक्षी दल के लिए पात्र नहीं बन पायी.

अब उसने अपने पिछले खराब रिकार्ड को खुद ही पीछे छोड दिया और उससे भी खराब रिकार्ड दिया. उसे विधानसभा (सीमांध्र और तेलंगाना दोनों मिलाकर) की 294 में से केवल 21 सीट ही जीत पायी. ये सभी 21 सीटें 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में होगी जो 2 जून को अस्तित्व में आएगी. नये सीमांध्र सदन में अब केवल तीन दलों- तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधि होंगे. तेदेपा ने 103 सीटें और उसके सहयोगी भाजपा ने तीन सीटें जीती हैं.

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