महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए अब ट्रेन के बीच में लगेगा ‘लेडिज कोच’

नयी दिल्ली : ट्रेनों में महिलाओं का डिब्बा पीछे रहने की बजाय अब बीच में होगा और यह अलग रंग में नजर आयेगा. मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि 2018 को महिला सुरक्षा वर्ष के रूप में मनाने की रेलवे की योजना के तहत ऐसा उपनगरीय और लंबी दूरी की ट्रेनों में किया जायेगा. इन डिब्बों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2018 11:48 AM


नयी दिल्ली :
ट्रेनों में महिलाओं का डिब्बा पीछे रहने की बजाय अब बीच में होगा और यह अलग रंग में नजर आयेगा. मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि 2018 को महिला सुरक्षा वर्ष के रूप में मनाने की रेलवे की योजना के तहत ऐसा उपनगरीय और लंबी दूरी की ट्रेनों में किया जायेगा. इन डिब्बों में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के तौर पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे. साथ ही , इन डिब्बों की खिड़कियों पर जालियां लगाने पर भी चर्चा की जा रही है. सूत्रों ने आज बताया कि ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी को लेकर एक कमेटी भी गठित की गयी है.

कमेटी में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी , सदस्य ( यातायात ) मोहम्मद जमशेद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं. इसने इस मुद्दे के बारे में एक नीतिगत फैसला भी किया है. उन्होंने बताया कि ब्योरे को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे के विभिन्न जोन से विचार मांगे गये हैं. हालांकि , सूत्रों ने कहा कि महिलाओं के डिब्बों को किस रंग से रंगा जायेगा, यह स्पष्ट नहीं है लेकिन रेलवे महिलाओं से जुड़े गुलाबी रंग पर विचार कर रहा है. एक सूत्र ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि अभी महिलाओं का डिब्बा ट्रेन के आखिर में होता है.

कई बार डिब्बे बिल्कुल ही अंधेरे में होते हैं और महिला यात्री उनमें चढ़ने से डरती हैं. यह सुरक्षा का मुद्दा है.’ सूत्रों ने बताया कि यह फैसला भी लिया गया है कि इन डिब्बों में चाहे टिकट जांच करने वाले हों या आरपीएफ कर्मी , उनमें महिलाओं को शामिल रखा जायेगा. कमेटी ने यह भी कहा कि अगले तीन साल में महिलाओं द्वारा देखरेख किये जाने वाले स्टेशनों की संख्या मौजूदा तीन से बढ़ा कर 100 की जायेगी. कमेटी ने रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में इस तरह के बुनियादी ढांचे बनाने का भी फैसला किया है , जिनमें अलग शौचालय और ‘ चेंजिंग रूम ‘ शामिल किए जायेंगे.

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