अब 25 साल की उम्र तक शिकायत दर्ज करा सकेंगे बाल यौन उत्पीड़न के पीड़ित
नयी दिल्ली : बचपन में यौन उत्पीड़न के शिकार पीड़ित अब 25 साल की उम्र तक शिकायत दर्ज कराने में सक्षम हो सकेंगे. सरकार कानून में बदलाव कर ऐसे लोगों को 25 वर्ष की उम्र तक यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने का मौका देने के बारे में विचार कर रही है, जो बचपन में […]
नयी दिल्ली : बचपन में यौन उत्पीड़न के शिकार पीड़ित अब 25 साल की उम्र तक शिकायत दर्ज कराने में सक्षम हो सकेंगे. सरकार कानून में बदलाव कर ऐसे लोगों को 25 वर्ष की उम्र तक यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने का मौका देने के बारे में विचार कर रही है, जो बचपन में इस तरह की घटना के शिकार बने थे.
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक में इस प्रस्ताव पर हाल ही में चर्चा की गयी है. अधिकारी ने बताया कि हम इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि क्या यौन उत्पीड़न से बच्चों का सरंक्षण (पोक्सो) अधिनियम में इस उपबंध को शामिल किया जा सकता है या सीआरपीसी में संशोधन किया जा सकता है.
अधिकारी ने बताया कि यह उन लोगों को न्याय का मौका देगा, जो बचपन में यौन उत्पीड़न का शिकार हुए थे. अब ऐसे पीड़ित 18 साल की उम्र तक पूरी होने के बाद सात साल तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं. मंत्रालय सीआरपीसी में संशोधन के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखने की योजना बना रहा है.
अधिकारी के अनुसार, कभी-कभी पीड़ित उत्पीड़न की घटना के बारे में बोलने या इसके आशय के बारे में तब समझ पाता है, जब वह बालिग हो जाता है. फिलहाल, सीआरपीसी की धारा 468 के तहत तीन साल तक की सजा के प्रावधान वाला बाल उत्पीड़न सहित किसी भी अपराध की घटना की शिकायत उसके घटित होने के तीन साल के भीतर दर्ज कराना जरूरी होता है.