पत्‍थरबाजों के पत्‍थर से तमिलनाडु के पर्यटक की मौत ‘मानवता की हत्या” : महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पथराव में 22 वर्षीय एक युवक की मौत को मंगलवार को ‘मानवता की हत्या’ करार दिया और कहा कि इस घटना ने उनके अंदर की मां को झकझोर दिया है. चेन्नई के निवासी एस तिरुमणि के पिता से भेंट के बाद विचलित नजर आ रहीं महबूबा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2018 3:56 PM

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पथराव में 22 वर्षीय एक युवक की मौत को मंगलवार को ‘मानवता की हत्या’ करार दिया और कहा कि इस घटना ने उनके अंदर की मां को झकझोर दिया है. चेन्नई के निवासी एस तिरुमणि के पिता से भेंट के बाद विचलित नजर आ रहीं महबूबा ने कहा कि जो लोग किसी को मारने के लिए पत्थर उठाते हैं, उनका कोई धर्म नहीं होता.

तिरुमणि का परिवार छुट्टी मनाने घाटी में आया था. कल यहां एक अस्पताल में उसकी मौत हो गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर अब कई दिनों तक टेलीविजन पर चर्चा और बहस होगी तथा ‘हम मानवता की हत्या चुपचाप देखते रहेंगे. यह ऐसी घटना है जिसके बारे में जम्मू कश्मीर में अबतक सुना नहीं गया है.’

दो बेटियों की मां और राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस प्रकार की शिक्षा हमारी अगली पीढ़ी को दी जा रही है, उससे मेरे अंदर की मां विचलित हो गयी है.’ उन्होंने कहा, ‘हम अपने बच्चों को कौन सी शिक्षा दे रहे हैं? कि पत्थर उठाएं और सड़क पर जा रहे किसी व्यक्ति को मार दें? यह वह नहीं है जिसकी हमारा इस्लाम हमें शिक्षा देता है. हमारा धर्म हमें अपने मेहमानों की देखभाल की शिक्षा देता है. ये लोग या लड़के, जो किसी को मारने के लिए पत्थर उठाते हैं, उनका कोई धर्म नहीं है.’

उन्होंने अभिभावकों से सवाल किया कि वे अपने बच्चों को कहां धकेल रहे हैं. तिरुमणि और उसका परिवार गुलमर्ग से लौट रहा था. बड़गाम में मगाम के समीप उनकी गाड़ी पथराव में फंस गयी. एक पत्थर तिरुमणि की कनपटी में आ लगा. उसे सौरा आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘क्या कोई कल्पना कर सकता है कि एक गरीब बाप ने अपने परिवार को कश्मीर लाने के लिए अपनी पूरी बचत खर्च की थी और वह अब अपने बेटे के ताबूत के साथ लौट रहा है. क्या हम यही चाहते हैं.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या इस घटना का पर्यटन पर असर होगा तो उन्होंने कहा, ‘मैं पर्यटन की बात नहीं कर सकती यह मानवता के बारे में मूल सवाल है. यह कश्मीरियत नहीं हो सकती.’

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