नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि संसदीय समितियों की रिपोर्ट को चुनौती नहीं दी जा सकती और ना ही उनकी वैधता पर अदालतों में सवाल उठाया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि अदालतें कानून के अनुरूप विधिक व्याख्या के लिए संसदीय समिति की रिपोर्ट का संदर्भ दे सकती हैं.
Supreme Court's five-judge Constitution bench says parliamentary committee reports cannot be challenged in courts.
— ANI (@ANI) May 9, 2018
अदालतें संसदीय समिति की रिपोर्ट पर न्यायिक संज्ञान ले सकती हैं लेकिन उनकी वैधता को चुनौती नहीं दी जा सकती. लोकतंत्र के तीनों स्तंभों के अधिकार अलग- अलग हैं और अदालत को विधायिका तथा न्यायपालिका के बीच संतुलन बनाये रखना है.