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नयी दिल्ली लोस सीट पर 1960 के बाद पहली बार जीती कोई महिला

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की नयी दिल्ली लोकसभा सीट पर 54 सालों के लंबे अंतराल के बाद किसी महिला उम्मीदवार ने जीत हासिल की है. 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में इस बार इस सीट पर भाजपा की युवा नेता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन को मात दी […]

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की नयी दिल्ली लोकसभा सीट पर 54 सालों के लंबे अंतराल के बाद किसी महिला उम्मीदवार ने जीत हासिल की है. 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में इस बार इस सीट पर भाजपा की युवा नेता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन को मात दी है.

स्वतंत्रता सेनानी और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी के बाद मीनाक्षी लेखी दूसरी महिला हैं जिन्होंने इस सीट पर चुनाव जीता है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी , जगमोहन तथा फिल्म स्टार राजेश खन्ना की कर्मस्थली रह चुकी इस सीट पर मीनाक्षी लेखी ने आम आदमी पार्टी के आशीष खेतान को हराकर 453350 मतों से इस सीट पर कब्जा जमाया है.

15वीं लोकसभा में इस क्षेत्र से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन 182893 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. नयी दिल्ली सीट पर 1952 में हुए आजाद हिंदुस्तान के पहले आम चुनाव में सुचेता कृपलानी ने किसान मजदूर प्रजा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. वह इस क्षेत्र की पहली महिला सदस्य थीं.

सुचेता कृपलानी ने 1957 के आम चुनाव में भी यहां से जीत हासिल की लेकिन उस बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इसके बाद जनसंघ के कद्दावर नेता बलराज मधोक ने इस सीट पर जीत हासिल की. 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सीट से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और संसद में इसका प्रतिनिधित्व किया. 1980 से 1984 के बीच उन्होंने एक बार इस सीट से चुनाव जीता लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर. 1989-91 में वरिष्ठ भाजपा नेता आडवाणी इस सीट से चुनाव लड़े और उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्ण चंद्र पंत को करारी शिकस्त दी. 1991-92 में उन्होंने दोबारा इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा.

1992 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना ने आडवाणी को हरा दिया लेकिन 1996 के आम चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता जगमोहन ने इस सीट पर जीत हासिल की और 2004 तक उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा.

2004 से लेकर 2014 तक अजय माकन ने इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया लेकिन 2014 में मीनाक्षी लेखी ने उन्हें तीसरे स्थान पर धकेल दिया. अजय माकन ने 2009 के चुनाव में इस सीट पर 4,55,867 मतों से जीत हासिल की थी.

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