आंधी-तूफान और भारी बारिश बरपा रहे कहर, असम और उत्तर प्रदेश में नौ लोगों ने गंवायी जान
नयी दिल्ली : आंधी-तूफान और भारी बारिश ने बुधवार शाम से ही एक बार फिर देश के विभिन्न हिस्सों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. उत्तर भारत के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की वजह से करीब आठ लोगों की मौत हो गयी है, जबकि पूर्वोत्तर के राज्य असम में एक व्यक्ति […]
नयी दिल्ली : आंधी-तूफान और भारी बारिश ने बुधवार शाम से ही एक बार फिर देश के विभिन्न हिस्सों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. उत्तर भारत के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की वजह से करीब आठ लोगों की मौत हो गयी है, जबकि पूर्वोत्तर के राज्य असम में एक व्यक्ति ने जान गंवायी है. हालांकि, असम में बारिश की वजह से 11 अन्य व्यक्ति घायल बताये जा रहे हैं.
3 people in Mathura, 4 people in Etawah & 1 person in Agra die due to thunderstorm in the respective areas.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 9, 2018
बुधवार की देर शाम से उत्तर और उत्तर पूर्व भारत में भारी बारिश ने दस्तक दे दी. इस बीच, उत्तर प्रदेश के मथुरा में भारी बारिश और तेज आंधी की वजह से तीन लोगों की मौत हो गयी, जबकि सूबे के एटावा में चार और आगरा में एक आदमी ने अपनी जान गंवा दी. वहीं, उत्तर-पूर्व भारत के असम में एक आदमी की मौत की खबर है.
Assam: At least one person killed, 11 injured in the thunderstorm which lashed several parts of Kokrajhar earlier today. pic.twitter.com/rx0RKupXuy
— ANI (@ANI) May 9, 2018
इससे पहले, बुधवार की दोपहर बाद हरियाणा के रोहतक व झज्जर समेत अन्य इलाकों में तेज बारिश हुई. इसके अलावा भिवानी समेत कई हिस्सों में बारिश के साथ ओले भी पड़े. जस्थान के धौलपुर में फिर से आंधी आयी, जबकि पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के शिलॉन्ग में तेज हवाएं और बारिश देखने को मिली है.
उधर, खबर यह भी है कि उत्तर भारत के राज्य जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को कहा कि राजौरी जिले के थानामंडी इलाके में हुई भारी बारिश एवं ओलावृष्टि से 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खड़ी फसल और दर्जनों बगीचों के नुकसान पहुंचा है. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान फंसे गुज्जर और बकरवाल आदिवासी समुदाय के लोगों को रात भर चले बचाव बचाव अभियान में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. मंगलवार की भारी बारिश और ओलावृष्टि में खानाबदोश परिवारों के 110 से अधिक मवेशी मारे गये.