जयपुर : भारतीय सेना के सप्त शक्ति कमान के युद्धाभ्यास ‘विजय प्रहार’ में 25,000 सैनिकों ने अपने पूरे हथियारों एवं साजो-सामान के साथ हिस्सा लिया. राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में डेढ़ माह तक चले इस युद्ध अभ्यास का बुधवार को समापन था.
सप्त शक्ति कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने इस युद्वाभ्यास का अवलोकन किया. महाजन फील्ड रेंज में जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इस युद्धाभ्यास के लिए विभिन्न प्रकार के कठिन मापदंड तय किय थे और अपने सैनिकों द्वारा हासिल किये गये नतीजों से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि युद्धाभ्यास विजय प्रहार का प्रारंभ एक आक्रामक रणनीति के तहत वायु एवं पृथ्वी में समन्वित युद्ध के तौर पर पूरी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करते हुए हुआ था.
इस अभ्यास में एयर कैवेलरी रणनीति का पूरी तरह से इस्तेमाल किया गया और उसे सफल पाया गया है साथ ही सभी सैनिक किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई करने के लिए अब पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं. रसद पहुंचाने की ‘जस्ट इन टाइम’ तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हमारी सेना अब दुश्मन के इलाके में भीतर तक जाकर मार कर सकने में सक्षम है. इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के साथ भी बेहतर किस्म का समन्वय स्थापित हुआ. जनरल चेरिश मैथसन ने भीषण गर्मी एवं आंधी के वातावरण में जवानों द्वारा पूरी वीरता एवं निष्ठा से किये गये इस युद्ध अभ्यास की सराहना की.