भाजपा के जबर्दस्त प्रदर्शन से उत्तर,पश्चिम भारत का राजनीतिक परिदृश्य बदला

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव में भाजपा के जबर्दस्त प्रदर्शन से देश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र में राजनीति परिदृश्य बदल गया है जहां कांग्रेस के साथ सपा, बसपा, नेकां, जदयू और राकांपा जैसे क्षेत्रीय दलों का प्रभाव समाप्त होता दिखा रहा है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी और फारुक अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस क्रमश: […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2014 12:37 PM

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव में भाजपा के जबर्दस्त प्रदर्शन से देश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र में राजनीति परिदृश्य बदल गया है जहां कांग्रेस के साथ सपा, बसपा, नेकां, जदयू और राकांपा जैसे क्षेत्रीय दलों का प्रभाव समाप्त होता दिखा रहा है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी और फारुक अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस क्रमश: उत्तरप्रदेश और जम्मू कश्मीर में अपना खाता भी नहीं खोल सकी. उत्त्तरप्रदेश में भाजपा ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया और इस राज्य का भाजपा को केंद्र की सत्ता में लाने में अहम योगदान रहा.

उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर और गुजरात से लोकसभा के 288 सीटें आती हैं. भाजपा और उसके सहयोगियों ने इन राज्यों में 16वीं लोकसभा चुनाव में काफी संख्या में सीटें हासिल की. इन राज्यों में क्षेत्रीय दलों को भाजपा के हाथों करारी पराजय का सामना करना पडा। पहली बार लोकसभा चुनाव लडने वाली आप को पंजाब में चार सीटों पर जीत मिली. पार्टी दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में खाता खोलने में विफल रही. उत्तरप्रदेश में भाजपा ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया और 1998 के 57 सीट जीतने के अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाते हुए इस बार 80 में से 71 सीटों पर जीत हासिल की. राज्य में सत्तारुढ सपा पांच सीट ही जीत पायी जबकि बसपा अपना खाता भी नहीं खोल सकी. वहीं कांग्रेस दो सीटों पर ही सिमट गई.

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