…लड़की को महंगा पड़ा मर्जी से शादी करना

जैसलमेरः राजस्थान में जैसलमेर की एक पंचायत ने एक लड़की के घरवालों को जूते की माला पहनाई, मुर्गा बनाया और फिर दस लाख का जुर्माना ठोंक दिया. पंचायत ने ये धमकी भी दी कि जुर्माना नहीं दिया तो जाति और समाज से बाहर कर दिया जाएगा. लड़की की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:44 PM

जैसलमेरः राजस्थान में जैसलमेर की एक पंचायत ने एक लड़की के घरवालों को जूते की माला पहनाई, मुर्गा बनाया और फिर दस लाख का जुर्माना ठोंक दिया.

पंचायत ने ये धमकी भी दी कि जुर्माना नहीं दिया तो जाति और समाज से बाहर कर दिया जाएगा. लड़की की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने एक लड़के से शादी करने से मना कर दिया था.
राजस्थान में जैसलमेर का रामा गांव सुर्खियों में है. वजह बड़ी अजीब है. दरअसल यहां की जातीय पंचायत ने एक ऐसा तालीबानी फैसला सुनाया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. कुछ दिनों पहले गांव की एक बालिग लड़की ने अपने पसंद के लड़के से शादी कर ली.

लड़की के घरवालों के मुताबिक पंचायत को ये बात अखर गई- क्योंकि लड़की की शादी की बात कहीं और चल रही थी. जब लड़की की शादी कहीं और हो गई तो लड़के के घरवालों ने पंचायत में शिकायत की. फिर क्या था परमेश्वर माने जाने वाले पंचों पर हिटलर की आत्मा घुस आई. पंचों ने लड़की के घरवालों को जूतों की माला पहनाई और समाज में बने रहने के लिए 10 लाख का जुर्माना ठोंक दिया.

इस मामले की पंचायत रामा गांव के ट्यूबवेल पर चल रही थी जहां पर 11 पंचों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण पिछले तीन दिनों से बैठे हुए थे. गुरुवार शाम को उन्होंने मेरी बेटी की शादी चमा राम से करने को गलत बताया और मेरे पूरे परिवार को दोषी मानते हुए भरी सभा में भारी अपमान किया. हम सबको मुर्गा बनाकर मुझे और सभी भाईयों को जूतों की माला पहनाई. साथ ही 10 लाख रुपये का दण्ड भी लगा दिया.

बात यहीं खत्म नहीं होती, लड़की को भी जान से मारने की धमकी मिल रही है. सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि उसने अपने पसंद के लड़के से शादी क्यों की.

लड़की और उसके घरवालों को ही नहीं, जिस लड़के से उसकी शादी हुई पंचों ने उसके खिलाफ भी फरमान सुना दिया. पंचायत ने तालिबानी फरमान सुनाया तो लड़की के घरवालों ने पुलिस में गुहार लगाई. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और मामला दर्ज कर पंचों की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए गए.

पुलिस कार्रवाई कर रही है और लड़की को सुरक्षा के दावे भी कर रही है लेकिन सवाल ये कि जब देश का संविधान बालिग लड़के लड़की को अपनी मर्जी से शादी का अधिकार देता है तो फिर पंचों ने सवाल खड़े करने की हिम्मत कैसे की.

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