एससी/एसटी अध्यादेश : सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए सरकार की कवायद शुरू

नयी दिल्ली : अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उत्पीड़न के आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए सरकार ने मसौदा अध्यादेश पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श प्रक्रिया शुरू की है. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवारको यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय मंत्रालय के पास मसौदा तैयार है. अगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2018 7:14 PM

नयी दिल्ली : अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उत्पीड़न के आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए सरकार ने मसौदा अध्यादेश पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श प्रक्रिया शुरू की है. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवारको यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय मंत्रालय के पास मसौदा तैयार है. अगर उच्चतम न्यायालय में सरकार की पुनर्विचार याचिका पर अनुकूल फैसला नहीं आता तो आनेवाले दिनों में इसे कैबिनेट के समक्ष पेश किया जा सकता है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगली सुनवाई 16 मई को है और उस पर काफी कुछ निर्भर करेगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव पेश किये जाने के संबंध में अभी तक कोई तारीख तय नहीं है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अध्यादेश लाये जाने के कारणों के संबंध में एक कैबिनेट नोट विचार के लिए मंत्रालयों के बीच वितरित किया गया है.’प्रस्तावित अध्यादेश यह स्पष्ट करेगा कि किसी फैसले या आदेश के लागू होने के बाद भी संबंधित कानून के प्रावधान वैध रहेंगे.

कानून मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अध्यादेश के अधिसूचित हो जाने का अर्थ होगा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला पलट जायेगा. सरकार के अंदर विचार-विमर्श से जुड़े सूत्रों ने कहा कि मूल प्रावधानों को बहाल करने के लिए अध्यादेश जारी होने से रोष कम करने में मदद मिलेगी. सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में सरकार के समक्ष दूसरा विकल्प अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण कानून), 1989 में संशोधन के लिए संसद के आगामी माॅनसून सत्र में एक विधेयक पेश किया जाना हो सकता है.

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