चेन्नई/नयी दिल्ली: दक्षिण अरब सागर में विक्षोभ के कम दबाव में परिवर्तित होने के आसार हैं, जिससे अगले दो दिनों में केरल एवं दक्षिणी तमिलनाडु के कुछ इलाकों में भारी वर्षा होने की आशंका है. मौसम विभाग की आेर से सोमवार को यह जानकारी दी गयी है. क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक एस बालाचन्द्रन ने बताया कि क्षेत्र के मछुआरों को अगले 24-48 घंटे के दौरान समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गयी है.
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उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में केरल एवं तमिलनाडु में अच्छी मात्रा में वर्षा दर्ज की गयी है. केरल में तिरूवनंतपुरम शहर तथा पलक्कड़ जिले के तीरतला गांव में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे से सोमवार को करीब साढ़े आठ बजे तक क्रमश : 10 सेमी एवं सात सेमी वर्षा दर्ज की गयी. तमिलनाडु में डिण्डीगुल के पलानी में चार सेमी वर्षा दर्ज की गयी.
अगले दो दिन के बारे में पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए बालाचन्द्रन ने कहा कि केरल एवं दक्षिणी तमिलनाडु के हिस्सों में भारी वर्षा आ सकती है. तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक के अन्दरूनी भागों में आंधी-तूफान आ सकता है. केरल के कुछ हिस्सों में मानसून पूर्व की बारिश शुरू हो गयी है. भारत में साल भर होने वाली वर्षा में करीब 72 फीसदी का योगदान करने वाला दक्षिण पश्चिमी मानसून प्राय: एक जून को केरल में प्रवेश करता है.
गौरतलब है कि देश के पांच राज्यों में रविवार की रात बिजली गिरने और तेज आंधी के साथ बारिश होने के कारण 80 लोगों की मौत हुई है. सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 51 लोगों की जान गयी है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि आंध्र प्रदेश में 12, पश्चिम बंगाल में 14, दिल्ली में दो लोगों की, जबकि उत्तराखंड में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है. इन घटनाओं में 136 लोग घायल हुए हैं. इनमें से उत्तर प्रदेश में ही 123 लोग जख्मी हुए हैं. दिल्ली में 11 और उत्तराखंड में दो लोग घायल हुए हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि आंधी-बारिश और बिजली गिरने के कारण उत्तर प्रदेश के 24 जिले, पश्चिम बंगाल के छह, आंध्र प्रदेश के तीन, दिल्ली के दो और उत्तराखंड का एक जिला प्रभावित हुआ है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में रविवार को आंधी के साथ बारिश ने भारी तबाही मचायी थी. दिल्ली समेत उत्तर भारत में आंधी के कारण रविवार की शाम कई जगह पेड़ गिर गये, जिससे सड़क, रेल एवं वायु यातायात सेवाएं प्रभावित हुईं.
मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, असम, मेघालय, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में अलग अलग स्थानों पर रविवार को आंधी के साथ बारिश हुई. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और पंजाब में करीब 12 दिन पहले भी तूफान आया था, जिसमें 134 लोगों की मौत हुई थी और 400 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. सबसे ज्यादा 80 लोगों की मौत उत्तर प्रदेश में हुई थी. उसमें भी आगरा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित था. इसके बाद नौ मई को उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में फिर से अंधड़ आया था, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई थी और 27 अन्य जख्मी हो गये थे.