नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार को दो दिनों के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया जिन्हें लोक निर्माण विभाग में घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खनगवाल ने पुलिस को केजरीवाल के रिश्तेदार विनय बंसल से हिरासत में पूछताछ करने की अनुमति दे दी. एसीबी के वकील ने कहा कि जांच के लिए उन्हें सोनीपत और दिल्ली के आसपास के इलाकों में ले जाने की जरूरत है जिसके बाद उनसे हिरासत में पूछताछ की अनुमति दी गयी.
न्यायाधीश ने कहा, ‘परिस्थितियों पर विचार करते हुए और निष्पक्ष जांच के लिए आरोपी को दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा जाता है. उसे 16 मई को अदालत के समक्ष पेश किया जाए.’ केजरीवाल के दिवंगत रिश्तेदार सुरेंद्र बंसल के बेटे विनय को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दस मई को गिरफ्तार किया था. अदालत ने तब बंसल को तीन दिनों के लिए एसीबी की हिरासत में भेजे जाने के आवेदन को खारिज करते हुए कहा था कि सेहत के लिहाज से उनकी हालत ठीक नहीं है.
अदालत ने उसे पुलिस हिरासत में भेजते हुए दिन में दो बार घर का बना खाना खाने तथा अपने साथ दवाएं एवं डॉक्टर की पर्ची ले जाने की अनुमति दी. लोक अभियोजक बलबीर सिंह ने उसे हिरासत में भेजने की मांग करते हुए सोमवार को कहा कि मई 2017 में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक विनय और उनके पिता चार करोड़ रुपये की एक परियोजना पर काम कर रहे थे. तीन करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करने के बाद उन्होंने एक कंपनी से स्टील खरीदने के लिए एक करोड़ रुपये का फर्जी बिल दिखाया जबकि ‘खरीद नहीं हुई थी.’
अभियोजक के तर्क का विरोध करते हुए वकील बी एस जून ने विनय की तरफ से पेश होते हुए अदालत से कहा कि सभी आरोप निराधार हैं और केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए यह विद्वेषपूर्ण मामला है. जून ने कहा कि विनय का परियोजना से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने इस बारे में किसी भी दस्तावेज पर दस्तखत नहीं किये थे. उन्होंने कहा कि सारे दस्तावेज एजेंसी के पास हैं और आरोपी से कोई रिकवरी नहीं की जानी है जिसके लिए पुलिस उन्हें हिरासत में लेने की मांग कर रही है.
अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद विनय को हिरासत में भेजते हुए निर्देश दिया कि उन्हें 16 जून को अदालत के समक्ष पेश किया जाए जब उनकी जमानत याचिका पर भी सुनवाई की जायेगी. पिछले वर्ष नौ मई को एसीबी ने तीन प्राथमिकियां दर्ज की थीं जिनमें से एक सुरेंद्र बंसल की एक कंपनी के खिलाफ भी है. प्राथमिकी में तीन कंपनियों के नाम का जिक्र है जिसमें एक रेणु कंस्ट्रक्शंस (बंसल, कमल सिंह और पवन कुमार का मालिकाना हक) भी शामिल है.