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सीसीटीवी कैमरा मुद्दा : केजरीवाल ने कैबिनेट सहयोगियों के साथ किया मार्च, एलजी कार्यालय के नजदीक दिया धरना

नयी दिल्ली : सीसीटीवी परियोजना पर आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव सोमवार को और तेज हो गया जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी कैबिनेट के मंत्री और विधायक ‘भाजपा के दबाव में’ परियोजना को ‘बाधित नहीं करने’ की अपील करते हुए उपराज्यपाल कार्यालय के नजदीक तीन घंटे से ज्यादा समय तक […]

नयी दिल्ली : सीसीटीवी परियोजना पर आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव सोमवार को और तेज हो गया जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी कैबिनेट के मंत्री और विधायक ‘भाजपा के दबाव में’ परियोजना को ‘बाधित नहीं करने’ की अपील करते हुए उपराज्यपाल कार्यालय के नजदीक तीन घंटे से ज्यादा समय तक ‘धरना’ पर बैठ गये. वहीं, दिल्ली भाजपा ने धरना को ‘नौटंकी’ करार दिया और राष्ट्रीय राजधानी में सीसीटीवी कैमरा लगाने की कीमत में कथित तौर पर बढ़ोतरी की जांच की मांग की.

उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने जब मुख्यमंत्री से कहा कि वह और उनके मंत्री बैजल से मिल सकते हैं, लेकिन आप विधायकों को उनके साथ जाने की अनुमति नहीं होगी, उसके बाद केजरीवाल और उनके सहयोगी धरना पर बैठ गये. केजरीवाल, उनके मंत्री, विधायक और आप के समर्थक विरोध में बैजल के कार्यालय से सौ मीटर की दूरी पर धरने पर बैठ गये. केजरीवाल ने कहा, ‘उपराज्यपाल विधायकों से नहीं मिलना चाहते हैं. वह केवल मुझसे और कैबिनेट मंत्रियों से मिलना चाहते हैं. उपराज्यपाल को विधायकों से मिलना होगा. मैं उनसे मंत्रियों और विधायकों के साथ मिलूंगा.’ प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी के लोकप्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम गाया’ और उपराज्यपाल को ‘सद्बुद्धि’ देने की कामना की.
धरने पर बैठने से पहले आप के नेताओं ने मुख्यमंत्री के सिविल लाइन स्थित आवास से अपराह्न तीन बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मार्च शुरू किया. दो किलोमीटर लंबे मार्च के दौरान केजरीवाल, मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल और भाजपा के खिलाफ नारे लगाये. केजरीवाल ने कहा, ‘कायर पुलिस को आगे लाते हैं, लेकिन जो लोग बहादुर हैं वे वार्ता में विश्वास करते हैं. उपराज्यपाल द्वारा विधायकों से मिलने से इनकार करना दिल्ली के लोगों का अपमान है.’ धरना अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुआ और शाम छह बजकर 40 मिनट पर खत्म हुआ.
केजरीवाल ने इस मुद्दे पर लोगों से संपर्क करने का संकल्प लिया ताकि उन्हें बता सकें कि ‘भाजपा और उपराज्यपाल महानगर में सीसीटीवी कैमरा लगाने की प्रक्रिया बाधित कर रहे हैं. ‘बैजल के कार्यालय के नजदीक प्रदर्शन से क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही बाधित हुई. प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री ने भाजपा पर प्रहार करते हुए आरोप लगाये कि वह नहीं चाहती कि सीसीटीवी परियोजना को लागू किया जाये इसलिए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के माध्यम से रुकवाया जा रहा है. आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महानगर में कम से कम दस लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था.
केजरीवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘उपराज्यपाल द्वारा बनायी गयी समिति काफी खतरनाक है. समिति का गठन सीसीटीवी परियोजना को रोकने के लिए किया गया है.’ बैजल ने रविवारको केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि इस मुद्दे पर ‘बार-बार और जानबूझकर’ लोगों और मीडिया को ‘गुमराह’ किया जा रहा है. बैजल के पत्र के कुछ घंटे बाद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर जानना चाहा कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे का ‘राजनीतिकरण’ क्यों कर रहे हैं. केजरीवाल ने आरोप लगाये थे कि उपराज्यपाल ने निर्वाचित सरकार को दरकिनार कर ‘मनमाने’ तरीके से समिति का गठन किया और जानना चाहा था कि वह संविधान का उल्लंघन क्यों कर रहे हैं.
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया ‘भ्रष्ट और निराश’ आप सरकार नौटंकी कर रही है. उन्होंने उपराज्यपाल से मांग की कि परियोजना में कथित भ्रष्टाचार की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा करायी जाये.

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