नयी दिल्ली : करीब तीस साल पहले यानी वर्ष 1988 के रोडरेज के एक मामले में पंजाब और हरियाणा हार्इकोर्ट से तीन साल की कैद की सजा पाये नेता नवजोत सिंह सिद्धू की अपील पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को फैसला सुनाये जाने की संभावना है. न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने 18 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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इस मामले में सिद्धू ने दावा किया था कि गुरनाम सिंह की मौत की वजह के बारे में सबूत विरोधाभासी है और मेडिकल राय भी अस्पष्ट है. पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये सिद्धू फिलहाल राज्य के पर्यटन मंत्री हैं. अभियोजन के अनुसार सिद्धू और रूपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरनवाला गेट चौरोह के पास सड़क के बीच में कथित रुप से खड़ी जिप्सी में थे. उसी समय गुरनाम सिंह और दो अन्य पैसे निकालने के लिए मारुति कार से बैंक जा रहे थे. गुरनाम ने सिद्धू और संधू से जिप्सी हटाने को कहा. इस पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गयी. सिद्धू ने सिंह को बुरी तरह पीटा और अस्पताल में उनकी मौत हो गयी.