कौन हैं कर्नाटक के गवर्नर वजूभाई वाला, जिन पर टिकी है सबकी निगाहें?
नयी दिल्ली :कर्नाटक में जीत से थोड़ी दूर रही बीजेपी के समर्थकों में थोड़ी मायूसी है. वहीं कांग्रेस में बेचैनी का माहौल है. अब लोगों की नजर गवर्नर वजूभाई वाला पर है. सरकार बनाने के लिए वजूभाई वाला पहले किसे आमंत्रित करते हैं. फिलहाल यह सबसे अहम बात बन चुकी है. बीजेपी जहां एक बड़ी […]
नयी दिल्ली :कर्नाटक में जीत से थोड़ी दूर रही बीजेपी के समर्थकों में थोड़ी मायूसी है. वहीं कांग्रेस में बेचैनी का माहौल है. अब लोगों की नजर गवर्नर वजूभाई वाला पर है. सरकार बनाने के लिए वजूभाई वाला पहले किसे आमंत्रित करते हैं. फिलहाल यह सबसे अहम बात बन चुकी है.
बीजेपी जहां एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं कांग्रेस ने जेडीएस को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया है. दिलचस्प खेल की वजह से दोनों खेमों की सांसे अटकी हुई है.कांग्रेस के प्रमुख नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अशोक गहलोत बेंगलुरू में डटे हुए हैं. खराब नतीजों के बावजूद कांग्रेस पार्टी के लिए जेडीएस का समर्थन उम्मीद की किरण साबित हुई है. अब वजूभाई पर सारी दारोमदारी है.
वजूभाई वाला कौन है
कर्नाटक में राज्यपाल बनने से पहले वजूभाई वाला बीजेपी के वरिष्ठ नेता थे. नरेंद्र मोदी जब पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो, नियम के तहत छह महीने के अंदर उन्हें विधानसभा चुनाव जीतना था. उस वक्त वजूभाई वाला ने उनके लिए राजकोट पश्चिम की सीट छोड़ी थी. वहीं वजूभाई वाला ने वित्त मंत्री रहते हुए एक रिकार्ड भी कायम किया है. वह 18 बार बजट पेश कर चुके हैं. राजकोट के मेयर रह चुके वजुभाई वाला आपातकाल के दौरान 11 महीने जेल में थे. वजूभाई वाला गुजरात के विधानसभा स्पीकर भी रह चुके हैं.
वाला 2005 से 2006 तक एक साल के लिए गुजरात भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. करीब 80 वर्षीय वाला जिसने गुजरात में केशुभाई पटेल के नरेंद्र मोदी हाथ सत्ता हस्तांतरित कराने में अहम भूमिका निभाई. वाला स्कूल के समय से संघ से जुड़े रहे हैं. 26 साल की उम्र में वह जनसंघ में शामिल हुए और जल्दी की गुजरात के दिग्गज नेता रहे केशुभाई पटेल के करीब आ गए. उन्होंने राजकोट से कांग्रेस के जनाधार को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई.