कर्नाटक का जनादेश- मोदी का जलवा कायम, दक्षिण में भी बढ़ा प्रभाव

बेंगलुरू : कर्नाटक में भाजपा को भले ही बहुमत से कम सीटें मिली हों, लेकिन वह वहां सबसे बड़े सियासी दल के तौर पर उभरकर सामने आयी है. एक बार फिर सियासी मानचित्र पर उसने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है. भाजपा और कांग्रेस-जदएस भले ही राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2018 7:54 AM

बेंगलुरू : कर्नाटक में भाजपा को भले ही बहुमत से कम सीटें मिली हों, लेकिन वह वहां सबसे बड़े सियासी दल के तौर पर उभरकर सामने आयी है. एक बार फिर सियासी मानचित्र पर उसने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है. भाजपा और कांग्रेस-जदएस भले ही राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह भाजपा के खाते में आने वाला नवीनतम राज्य होगा या नहीं.

भाजपा राज्य की 222 सीटों में से 104 सीटें जीत चुकी है, वहीं कांग्रेस 78 और जदएस 37 सीटें जीती है. भाजपा और उसके सहयोगी देश के 29 राज्यों में से फिलहाल 20 में सत्ता में हैं. यदि कर्नाटक में भी भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रहती है, तो 21 राज्यों में उसकी सरकार होगी. वहीं, कांग्रेस जेडीएस के साथ सरकार बनाती है, तो उसके पास चार राज्य कायम रहेंगे. 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा लगातार चुनाव जीत रही है. 2014 से अब तक 22 राज्यों में चुनाव हुए हैं, जिनमें से भाजपा या राजग 14 में जीत दर्ज की है.

कर्नाटक ने अपना इतिहास दोहराया
1985 में जनता पार्टी की सरकार बनी थी. 1989 में कांग्रेस की सरकार बनी, तो 1994 में जनता दल की सरकार बनी. 1999 में एसएम कृष्णा ने कांग्रेस की वापसी करायी, लेकिन 2004 में गठबंधन की सरकार बनी. एक बार कांग्रेस के धरम सिंह और एक बार जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री रहे. 2008 में भाजपा की पहली सरकार बनी, तो 2013 में कांग्रेस चुनकर आयी. 2018 में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

मोदी के पीएम बनने के बाद 22 राज्यों में चुनाव, 14 में मिली जीत

यहां हुए चुनाव : महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, बिहार, असम, बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर, गोवा, गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, कर्नाटक.

यहां बनी राजग की सरकार: महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा, गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय. बिहार (भाजपा की हार हुई थी. डेढ़ साल बाद जदयू का समर्थन किया ).

12 राज्यों में हारी कांग्रेस: हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम, अरुणाचल, मेघालय, मणिपुर, कर्नाटक.

जीते

वरुना से सिद्धरमैया के बेटे यतींद्र एस (कांग्रेस)

चितापुर से मल्लिकार्जुन के बेट प्रियांग खड़गे (कांग्रेस)

बीटीएम लेआउट से रामलिंग रेड्डी (कांग्रेस)

हरपनहल्ली सीट से जी करुणाकर रेड्डी (भाजपा)

बेल्लारी सिटी से जी सोमशेखर रेड्डी (भाजपा)

10 मंत्री हारे
कर्नाटक के अधिकतर दिग्गज नेता अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहे. हालांकि, राज्य के दस निवर्तमान मंत्रियों को शिकस्त का सामना करना पड़ा. इनमें सिद्धारमैया के करीबी एचसी महादेवप्पा, रामनाथ राय, एच अंजान्या, एसपीआर पाटील, एसएस मल्लिकार्जुन, कादुगो थिमप्पा, बी रायारेड्डी, आर लमानी और प्रमोद माधवराज, चामुंडेश्वरी से निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शामिल हैं.

कर्नाटक चुनाव : अब तक का सबसे महंगा

कर्नाटक विधानसभा चुनाव राजनीतिक पार्टियों और उनके द्वारा खर्च किये गये धन के मामले में देश में आयोजित ‘अब तक का सबसे महंगा’ विधानसभा चुनाव रहा. सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के अनुसार, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और उनके उम्मीदवारों द्वारा कर्नाटक चुनाव में 9,500-10,500 करोड़ रुपये के बीच धन खर्च किया गया. यह खर्चा राज्य में आयोजित पिछले विधानसभा चुनाव के खर्च से दोगुना है. खर्च की दर अगर यही रही, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में 50,000-60,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

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