कांग्रेस-जद (एस) ने कर्नाटक विधान सभा में ऐंग्लो इंडियन के मनोनय को न्यायालय में दी चुनौती
नयी दिल्ली : कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन ने कर्नाटक विधान सभा में ऐंग्लो इंडियन सदस्य को मनोनीत करने के राज्यपाल वाजूभाई वाला के फैसले को गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. इस गठबंधन का कहना है कि सदन में शक्ति प्रदर्शन होने तक इस तरह का मनोनयन नहीं किया जाना चाहिए. गठबंधन ने गुरुवार अपराह्न […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन ने कर्नाटक विधान सभा में ऐंग्लो इंडियन सदस्य को मनोनीत करने के राज्यपाल वाजूभाई वाला के फैसले को गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. इस गठबंधन का कहना है कि सदन में शक्ति प्रदर्शन होने तक इस तरह का मनोनयन नहीं किया जाना चाहिए.
गठबंधन ने गुरुवार अपराह्न अपनी मुख्य याचिका में ही अंतिरम आवेदन दायर किया जिस पर शीर्ष अदालत ने गुरुवारकी भोर तक सुनवाई के बाद भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इस आवेदन में सदन में येदियुरप्पा के बहुमत साबित करने तक ऐंग्लो इंडियन के मनोनयन को निरस्त करने का अनुरोध किय गया है. न्यायमूर्ति एके सिकरी, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की विशेष खंडपीठ शुक्रवार को मुख्य याचिका के साथ ही इस आवेदन पर भी सुनवाई करेगी. आवेदन में कहा गया है कि अखिल भारतीय ऐंग्लो इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष ने 16 मई को राज्यपाल को एक पत्र लिखा है कि ऐंग्लो इंडियन समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का राजनीतिक मकसद से शोषण नहीं करना चाहिए और सदन में शक्ति प्रदर्शन के बाद ही मनोनयन करना चाहिए.
वकील देव दत्त कामत ने इस अर्जी का उल्लेख किया. इसमें कहा गया है, ‘राज्यपाल के कार्यालय का इस तरह के असंवैधानिक राजनीतिक मकसद और मंशा के लिए इस्तेमाल करना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा होगा जो संविधान का बुनियादी ढांचा है.’ आवेदन में आरोप लगाया गया है कि ऐेंग्लो इंडियन सदस्य का इस तरह से विधान सभा में नामांकन सदन में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़ाने जैसा है. इसमें यह भी कहा गया है कि इस तरह का प्रयास अनैतिक है और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पूरी तरह से मजाक है. इस मनोनयन के साथ कर्नाटक विधान सभा के सदस्यों की संख्या 225 हो जायेगी. राज्य की 224 सदस्यीय विधान सभा की 222 सीटों के लिए चुनाव हुआ था.