कौन हैं प्रोटेम स्पीकर केजी बोपैया, जिनका विरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक चली गयी कांग्रेस

बेंगलुरू : सुप्रीम कोर्ट ने कल जब यह आदेश पारित किया कि कर्नाटक विधानसभा में आज ही बहुमत परीक्षण होगा, तो एक ओर जहां कांग्रेस के खेमे में खुशी की लहर थी, वहीं भाजपाई थोड़ा निराश थे. लेकिन कांग्रेसी खेमे में तब बौखलाहट छा गयी जब गवर्नर ने विराजपेट से भाजपा के विधायक केजी बोपैया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2018 12:22 PM


बेंगलुरू :
सुप्रीम कोर्ट ने कल जब यह आदेश पारित किया कि कर्नाटक विधानसभा में आज ही बहुमत परीक्षण होगा, तो एक ओर जहां कांग्रेस के खेमे में खुशी की लहर थी, वहीं भाजपाई थोड़ा निराश थे. लेकिन कांग्रेसी खेमे में तब बौखलाहट छा गयी जब गवर्नर ने विराजपेट से भाजपा के विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाया.

केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने के बाद आज कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि वह सबसे सीनियर नहीं है. लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि किसी कम वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया हो.

कोर्ट के फैसले के बाद यह तय हो गया है कि आज शाम चार बजे सदन में बीएस येदियुरप्पा बहुमत हासिल करेंगे. लेकिन सवाल यह है कि आखिर केपी बोपैया से कांग्रेस घबराई हुई सी क्यों है? क्या है केजी बोपैया का रिकॉर्ड जिसने कांग्रेसियों के माथे पर शिकन ला दी है.

कौन हैं केजी बोपैया

केजी बोपैया विराजपेट से भाजपा के सांसद हैं.

केजी बोपैया का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को हुआ है.

उनका पूरा नाम कोम्बारना गणपति बोपैया है.

वे चौथी बार विधायक बने हैं.

2009 में भी वह चार दिन के लिए प्रोटेम स्पीकर रहे हैं.

2009 में बोपैया के प्रोटेम स्पीकर रहते येदियुरप्पा ने बहुमत हासिल किया था.

वे 2008 से 2013 तक भी कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं.

बोपैया का संघ परिवार से स्कूल के दिनों से ही नाता रहा है.

बोपैया को येदियुरप्पा का नजदीकी माना जाता है.

बोपैया ने लॉ की पढ़ाई की है और आपातकाल के दौरान कई बार जेल जा चुके हैं.

वर्ष 2010 में भाजपा के 11 बागी विधायकों और पांच निर्दलीय विधायक को अयोग्य घोषित किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गलत ठहराया था और तल्ख टिप्पणी की थी.

Next Article

Exit mobile version