येदियुरप्पा का इस्तीफा : 22 साल पहले वाजपेयी जी का समय आया याद
नयी दिल्ली : कर्नाटक चुनाव नतीजों के बाद लगातार चल रही सियासी ड्रामों के बीच आज एक नया मोड़ सामने आ गया. शुक्रवार को चार बजे फ्लोर टेस्ट होना तय था ठीक उसके पहले कहानी में ट्वीस्ट में आ गया. सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थी कि बीजेपी येदियुरप्पा विश्वास मत हासिल कर पाती […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
May 19, 2018 4:39 PM
नयी दिल्ली : कर्नाटक चुनाव नतीजों के बाद लगातार चल रही सियासी ड्रामों के बीच आज एक नया मोड़ सामने आ गया. शुक्रवार को चार बजे फ्लोर टेस्ट होना तय था ठीक उसके पहले कहानी में ट्वीस्ट में आ गया. सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थी कि बीजेपी येदियुरप्पा विश्वास मत हासिल कर पाती है कि नहीं. लेकिन उस समय कहानी ने पूरा ट्विस्ट ले लिया जब येदियुरप्पा ने इस्तीफा से पहले इमोशमनल स्पीच दे डाला. सोशल मीडिया पर लोग इसकी तुलना वाजपेयी के उस मशहूर स्पीच से कर रहे हैं. जो उन्होंने 1996 में दिया था. वाजपेयी ने सदन में इमोशनल भाषण दिया था. इस भाषण के बाद वह राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपने चले गए थे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार तो नहीं बचा सके थे, लेकिन उनके इस भाषण की तारीफ आज तक भी होती है.
वाजपेयी ने क्या कहा था ?
https://www.youtube.com/watch?v=gtjOO-ZDgdg
वाजपेयी ने राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपने से पहले लोकसभा में कहा था, ‘हमारा क्या अपराध है. हमें क्यों कठघरे में खड़ा किया जा रहा है? यह जनादेश ऐसे ही नहीं मिला है. इसके पीछे वर्षों का संघर्ष है, साधना है. एक-एक सीटों वाली पार्टियां कुकुरमुत्ते की तरह उग आती हैं. राज्यों में आपस में लड़ती हैं. दिल्ली में आकर एक हो जाती हैं. हम देश की सेवा के कार्य में जुटे रहेंगे. हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जो कार्य हमने अपने हाथों में लिया है, उसे पूरा किए बिना विश्राम नहीं करेंगे. अध्यक्ष महोदय, मैं अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देने जा रहा हूं.’ इस भाषण का बीजेपी को काफी लाभ हुआ और 1998, 1999 में बीजेपी की सरकार बनी.
येदियुरप्पा ने दिया भावुक भाषण
येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे से पहले भाषण में कहा कि जनता ने हमें 104 सीटें दीं, यह जनादेश कांग्रेस और जेडीएस के लिए नहीं था. हमने सोचा था कि किसानों के लिए काम करेंगे. उन्होंने कर्नाटक में किसानों की दयनीय हालत को लेकर जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने कहा कि किसानों की हालत सही नहीं है. यह अवसरवादी गठबंधन से हैं. समझा जा रहा है कि येदियुरप्पा का यह भाषण पिछले तीन – चार दिनों से चल रहे सोशल मीडिया में बीजेपी की आलोचना को डैमेज कंट्रोल करने के लिए किया गया है.