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तेज – तर्रार डॉक्टरों को रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा है यह उपाय

नयी दिल्ली : भारत के प्रतिभावान डॉक्टरों का ‘ब्रेन ड्रेन’ रोकने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द एक कैंपस प्लेसमेंट सेल खोलेगी. इसके माध्यम से एम्स, नयी दिल्ली से पास होने वाले रेजिडेंट्स डॉक्टरों को एम्स जैसे संस्थानों में प्लेसमेंट में मदद की जायेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ज्यादातर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2018 9:13 PM

नयी दिल्ली : भारत के प्रतिभावान डॉक्टरों का ‘ब्रेन ड्रेन’ रोकने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द एक कैंपस प्लेसमेंट सेल खोलेगी. इसके माध्यम से एम्स, नयी दिल्ली से पास होने वाले रेजिडेंट्स डॉक्टरों को एम्स जैसे संस्थानों में प्लेसमेंट में मदद की जायेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ज्यादातर अच्छे डॉक्टर सरकारी संस्थानों में सीमित अवसर की वजह से प्राइवेट संस्थान से जुड़ जाते हैं या विदेश चले जाते हैं. ऐसे में इन प्रतिभावान डॉक्टरों को भारत में रोकने के उद्देश्य से नयी योजना लाने पर विचार कर रही है.

ब्रैंड ‘एम्स’ की क्वालिटी को बरकरार रखना एक चुनौती
विश्लेषकों के मुताबिक सरकार ने कई नये एम्स खोले हैं. नये एम्स की क्वालिटी दिल्ली एम्स के बराबर लाने के लिए सरकार को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. अगर इन डॉक्टरों को यहां रोक लिया जाता है तो यह नये एम्स में मरीजों को उत्कृष्ट सेवा दे सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘एम्स एक संस्कृति, एक विरासत है जिसे बीते छह दशकों में यहां के छात्र, फैकल्टी और ऐडमिनिस्ट्रेशन ने तैयार किया है. हम इसके पैरंट इंस्टिट्यूशन से पास होने वाले छात्रों को हायर करना चाहते हैं ताकि नए संस्थानों में भी एक ही तरह की संस्कृति फैले.’
कहां – कहां खुल रहा है एम्स
भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में खुले छह नए एम्स खुले हैं. इनमें कई तरह की शुरुआती दिक्कत है. झारखंड के देवघर में भी एम्स खोले जाने की योजना है.

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