कर्नाटक में जारी सियासी दंगल के बीच दिल्ली पहुंचे कुमारास्वामी, राहुल गांधी से करेंगे भेंट, बनेगी रणनीति

बेंगलुरू : कर्नाटक चुनाव परिणाम आने के बाद से यहां जो सियासी दंगल चल रहा है वह अभी तक नहीं रुका है, पहले से ही ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद जब कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनेगी तो विभागों के बंटवारे को लेकर आपस में तनातनी होगी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2018 5:08 PM


बेंगलुरू :
कर्नाटक चुनाव परिणाम आने के बाद से यहां जो सियासी दंगल चल रहा है वह अभी तक नहीं रुका है, पहले से ही ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद जब कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनेगी तो विभागों के बंटवारे को लेकर आपस में तनातनी होगी और ऐसा ही कुछ अभी कर्नाटक में चल रहा है. इस उठापटक के बीचआज एचडी कुमारास्वामी दिल्ली में राहुल गांधी से मिलेंगे इससे पहले उन्होंने बीएसपी नेता मायावती से भेंट की. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अशोक गलहोत, केसी वेणुगोपाल और मैंने राहुल गांधी को कर्नाटक की वर्तमान राजनीति के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि कुमारास्वामी जब राहुल गांधी से मिलेंगे तो आगे की रणनीति पर चर्चा की जायेगी.

एचडी कुमारास्वामी 23 मई को शपथ लेने वाले हैं, लेकिन इसके पहले ही विभागों के बंटवारे को लेकर महाभारत जारी है. राज्य के सबसे प्रभावी जातीय वर्ग लिंगायत की ओर से कुमारास्वामी पर अपने वर्ग के प्रतिनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने का दबाव बना दिया गया है. अखिल भारत वीरशैव लिंगायत महासभा ने मनोनीत मुख्यमंत्री कुमारास्वामी को एक पत्र लिख कर मांग की है कि उसके समुदाय से कम से कम पांच लोगों को कैबिनेट में शामिल किया जाये और शमनूर शिवशंकरप्पा को गृहमंत्री बनाने की मांग भी की है.
इधर ऐसी खबरें भी आ रहीं हैं कि कांग्रेस और जेडीएस के बीच कई मुद्दे को लेकर असहमति है, जिसके कारण विवाद हो सकता है.वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवाकुमार ने कहा कि प्रदेश में सेक्यूलर सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और जेडीएस को अपने विरोधों को भुला देना चाहिए.
उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि कांग्रेस और जेडीएस के बीच विरोध रहा है. मैंने राजनीति में 1985 से आजतक गौड़ा का विरोध किया था, लेकिन अब परिस्थिति बदल गयी है. आज प्रदेश में सेक्यूलर सरकार बनाने के लिए हमें विरोधों को भुलाना होगा. राहुल गांधी ने एक निश्चय किया है और हम उनके साथ हैं. हमें कड़वाहट को निगलना होगा ताकि प्रदेश में सेक्यूलर सरकार बनेगी.

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