नयी दिल्ली : देश आज बेशक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, लेकिन मानव बम विस्फोट में 21 मई, 1991 को हुई उनकी नृशंस हत्या की जांच 27 साल बाद भी पूरी नहीं हो पायी है. इस हत्याकांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो के नेतृत्व वाली बहुआयामी निगरानी एजेंसी की जांच की प्रगति रिपोर्ट शीर्ष अदालत से साझा की गयी. यह एजेंसी इस हत्याकांड की व्यापक साजिश के पहलुओं की जांच कर रही है.
इसे भी पढ़ें : Bihar के राज्यपाल बोले- राजीव गांधी ईमानदार थे, लेकिन गलत लोगों से घिरे हुए थे; जानें कांग्रेस की प्रतिक्रिया
अदालत ने मार्च में इस एजेंसी को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था, जिसमें उसे बताया जाये कि इस जांच को तेजी से पूरा करके मुकाम तक लाने के लिए कौन से कदम उठाने की आवश्यकता है. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को इस एजेंसी ने सूचित किया था कि इस हत्याकांड की जांच अभी भी जारी है और कुछ व्यक्तियों से पूछताछ में सहयोग के लिए श्रीलंका सहित विभिन्न देशों को अनुरोध पत्र भेजने की आवश्यकता है, जहां वे इस समय रह रहे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी 21 मई , 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान एक महिला मानव बम के विस्फोट में मारे गये थे. इस विस्फोट में मानव बम के रूप में पहचानी गयी धनु सहित 14 अन्य व्यक्ति भी मारे गये थे.