यूपीएससी कैडर बंटवारा मामले में बढ़ा विवाद, राहुल गांधी ने कहा, छात्रों, खड़े हो जाओ, आपका भविष्य खतरे में है…
नयी दिल्ली : यूपीएससी रैंक की बजाय फाउंडेशन कोर्स में नंबरों के आधार पर कैडर आवंटित किये जाने के सरकार के सुझाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसस पर निशाना साधा. राहुल ने कहा कि छात्रों, खड़े हो जाओ, क्योंकि आपका भविष्य खतरे में है. उन्होंने कार्मिक एवं […]
नयी दिल्ली : यूपीएससी रैंक की बजाय फाउंडेशन कोर्स में नंबरों के आधार पर कैडर आवंटित किये जाने के सरकार के सुझाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसस पर निशाना साधा. राहुल ने कहा कि छात्रों, खड़े हो जाओ, क्योंकि आपका भविष्य खतरे में है. उन्होंने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक पत्र को पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘ छात्रों, खड़े हो जाओ, आपका भविष्य खतरे में है. आरएसएस वो हथियाना चाहता है जिस पर जिस पर आपका अधिकार है.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘ इस पत्र से यह खुलासा होता है कि प्रधानमंत्री (यूपीएससी) परीक्षा की रैकिंग की बजाय मेरिट में छेड़छाड़ करके केंद्रीय सेवाओं में आरएसएस की पसंद के अधिकारियों की नियुक्ति करना चाहते हैं.’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को फाउंडेशन कोर्स के नंबरों के आधार पर चयनित आवेदकों को कैडर देने का सुझाव दिया गया है. अब तक यूपीएससी की परीक्षा में अंकों के आधार पर सफल आवेदकों को कैडर आवंटित किये जाते रहे हैं, लेकिन अब सरकार इसमें बदलाव करने की सोच रही है.
इसी मेरिट लिस्ट के आधार पर कैंडिडेट्स को कैडर और सर्विस आवंटित किया जाये. यह पत्र पीएमओ ने लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को 17 मई को भेजा और अपना पक्ष रखने को कहा है. सरकार के इस प्रस्ताव को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने नकार दिया है. उनका कहना है कि इस प्रस्ताव के लागू होने से ओबीसी, दलित और आदिवासी पृष्ठभूमि के सफल अभ्यर्थियों को पूर्व की भांति अवसर नहीं मिल पायेंगे. जबकि वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने सिविल सेवा में चयनित अभ्यर्थियों के फांउडेशन कोर्स में प्रदर्शन के आधार पर कैडर का आवंटन करने की कोशिश को निंदनीय बताते हुये कहा कि सरकार की मंशा समाज के वंचित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण के लाभ से वंचित करना है.