कांग्रेस-जद (एस) को सरकार बनाने के आमंत्रण के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से SC का इनकार
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले के खिलाफ अखिल भारत हिंदू महासभा की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मंगलवारको इंकार कर दिया. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की ग्रीष्मावकाश पीठ के समक्ष इस याचिका […]
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले के खिलाफ अखिल भारत हिंदू महासभा की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मंगलवारको इंकार कर दिया.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की ग्रीष्मावकाश पीठ के समक्ष इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए मंगलवारको उल्लेख किया गया. परंतु, पीठ ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह याचिका उचित प्रक्रिया से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होगी. पीठ ने हिंदू महासभा के वकील से कहा, ‘आपने इसका उल्लेख कर दिया और हमने इसे स्वीकार नहीं किया है. यह उचित प्रक्रिया में आयेगी. ‘इस संगठन ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि चुनाव के बाद कांग्रेस-जद (एस) के बीच हुआ गठबंधन मतदाताओं के साथ ‘छल’ है.
शीर्ष अदालत ने 19 मई को कर्नाटक विधानसभा में होनेवाले शक्तिपरीक्षण के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसका सीधा प्रसारण करने का आदेश दिया था. हालांकि, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सदन में विश्वास मत का सामना करने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के नेता एचडी कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जो 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
इससे पहले, राज्यपाल ने विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा के नेता येदियुरप्पा को सरकार को बनाने के लिए आमंत्रित किया था. येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. राज्यपाल की इस कार्यवाही को कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिये गये दो सप्ताह के समय को घटा दिया था.