राजनाथ की खरी-खरी : अपनी हरकतों से बाज आये पाकिस्तान, वरना…
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर बगैर उकसावे के लगातार हो रही गोलीबारी को लेकर मंगलवारको कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. उन्होंने उसे एक सख्त संदेश देते हुए कहा कि भारतीय सुरक्षा बल इस तरह की हरकतों का कैसा जवाब देने का रास्ता चुनते हैं, […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर बगैर उकसावे के लगातार हो रही गोलीबारी को लेकर मंगलवारको कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. उन्होंने उसे एक सख्त संदेश देते हुए कहा कि भारतीय सुरक्षा बल इस तरह की हरकतों का कैसा जवाब देने का रास्ता चुनते हैं, इस बारे में वह उनसे कभी नहीं पूछेंगे.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 16वें प्रतिष्ठापन समारोह में यहां अपने भाषण में गृह मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि यह विडंबना है कि पड़ोसियों के साथ भारत के शांति चाहने के बावजूद एक देश अपनी हरकतें नहीं सुधार रहा है. सिंह ने कहा कि यह (पाकिस्तान की हरकतें) शोध का विषय हो सकता है और पड़ोसी देश की ये हरकतें समझना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बीएसएफ और सीमा पर तैनात थल सेना जैसे अन्य बलों को निर्देश दिया है कि वे कभी भी पहली गोली नहीं चलायें, लेकिन उन्होंने कैसा जवाब देने का रास्ता चुना, इस बारे में उनसे कोई नहीं पूछेगा. उन्होंने बीसीएफ को सीमाओं पर ‘रक्षा की प्रथम दीवार’ बताया. उन्होंने सीमा की पहरेदारी करनेवाले बल से कहा कि यदि आप (बीएसएफ) पर गोली चलायी जाती है, तो आप फैसला करिये कि प्रतिक्रिया या कार्रवाई का सर्वश्रेष्ठ तरीका क्या है. आपने अतीत में बहुत ही जिम्मेदारी के साथ ऐसा किया है.
गृह मंत्री ने एक बार फिर से कहा कि बल इन बगैर उकसावे की घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है, खासतौर पर जम्मू क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिछले कुछ दिनों में हो रही गोलीबारी का. गौरतलब है कि जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान के ताजा संघर्ष विराम उल्लंघन में अब तक बीएसएफ के दो जवान और एक नवजात शिशु सहित सात लोग मारे गये हैं, जबकि 18 अन्य घायल हुए हैं. सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमा को पूरी तरह से सील करने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य प्रगति पर है. कुछ ही महीनों में यह पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि हम शांति प्रिय देश हैं. भारत ने दुनिया को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा दी है.