चार लोस,पांच विस सीटों के लिए उपचुनाव संपन्न

नयी दिल्ली : चार राज्यों में लोकसभा की चार सीटों और विधानसभा की पांच सीटों के लिए उपचुनाव आज शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. इन उपचुनावों के नतीजे पांच जून को घोषित किए जाएंगे. वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर इन उपचुनावों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पश्चिम बंगाल की हावड़ा लोकसभा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:44 PM

नयी दिल्ली : चार राज्यों में लोकसभा की चार सीटों और विधानसभा की पांच सीटों के लिए उपचुनाव आज शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. इन उपचुनावों के नतीजे पांच जून को घोषित किए जाएंगे. वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर इन उपचुनावों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पश्चिम बंगाल की हावड़ा लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 66 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट पर 45 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. गुजरात में दो लोकसभा सीटों-पोरबंदर और बनासकांठा सीट के लिए तथा चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुआ. पोरबंदर में 30 फीसदी और बनासकांठा में 36 फीसदी मतदान दर्ज किया गया.

भाजपा शासित गुजरात में इन उपचुनावों को विपक्षी कांग्रेस के लिए एक अग्निपरीक्षा माना जा रहा है जिसने पिछले चुनाव में छह सीटें जीती थीं. बनासकांठा लोकसभा सीट कांग्रेस के सांसद मुकेश गढ़वी के निधन की वजह से रिक्त हुई थी. पोरबंदर सीट विट्ठल रडाडिया के इस्तीफे की वजह से रिक्त हुई थी जो एक पथकर केंद्र के कर्मचारी पर बंदूक तानने की वजह से सुर्खियों में आए थे. रडाडिया ने फरवरी में कांग्रेस छोड़ी और भाजपा में शामिल हो गए थे. लोकसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने उन्हें ही उम्मीदवार बनाया.

पश्चिम बंगाल में हावड़ा लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ. यह सीट तृणमूल कांग्रेस की सांसद अंबिका बनर्जी के निधन के कारण रिक्त हुई थी. हजारों निवेशकों को धोखा देने वाले सारदा चिटफंड घोटाले के उजागर होने के बाद हो रहा यह उप चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य में पंचायत चुनावों से ठीक पहले हो रहा है. इस सीट पर 13 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और माकपा के बीच है. सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान प्रसून बनर्जी को, कांग्रेस ने अधिवक्ता सनातन मुखर्जी को और माकपा ने पार्टी के पूर्व जिला सचिव सुदीप भट्टाचार्य को टिकट दिया है.

भाजपा ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आदेश पर हावड़ा में उपचुनाव नहीं लड़ा. प्रतीत होता है कि उसने राजग की पूर्व सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के लिए राह आसान की है. बहरहाल, स्थानीय भाजपा नेता रंजन पाल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस और तणमूल कांग्रेस भले ही अब अलग अलग हो गए हों लेकिन इस सीट पर 2009 में दोनों ने मिल कर चुनाव लड़ा था. माकपा को उम्मीद है कि इस बार तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच मतों के बंटवारे से फायदा उसे होगा. कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें हार पंचायत चुनाव और अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है. निर्वाचन आयोग के समक्ष कांग्रेस ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हावड़ा के कुछ मतदान केंद्रों पर पर्यवेक्षकों के समक्ष मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया गया है.

पहली बार निर्वाचन आयोग ने जीआईएस..एसएमएस आधारित चुनाव निगरानी प्रणाली, एंड्रायड आधारित मतगणना उपकरण और संवेदनशील इलाकों में सीधी (लाइव) निगरानी प्रणाली का उपयोग किया है. बिहार में महाराजगंज लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला है. इस सीट पर सत्तारुढ़ जदयू के उम्मीदवार प्रशांत कुमार साही, राजद के प्रभुनाथ सिंह और कांग्रेस के जीतेंद्र स्वामी ताल ठोंक रहे हैं. प्रशांत कुमार साही राज्य के शिक्षा मंत्री भी हैं. महाराजगंज लोकसभा सीट राजद सांसद उमा शंकर सिंह के निधन की वजह से रिक्त हुई है. गुजरात में चार विधानसभा सीटों.. धोराजी, जेतपुर, लिम्बादी और मोरवा हदफ के लिए भी उपचुनाव हुआ. इन सीटों पर औसत मतदान 38 फीसदी हुआ.

उत्तर प्रदेश में हंडिया विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के विधायक महेश नारायण सिंह के निधन की वजह से रिक्त हुई और वहां उपचुनाव कराया गया. राज्य में सपा की सरकार है. पार्टी ने सहानुभूति के मतों को भुनाने के लिए इस सीट पर सिंह के पुत्र प्रशांत को टिकट दी है. इस सीट पर बसपा ने पंकज त्रिपाठी को टिकट दी है जो पूर्ववर्ती मायावती सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे राकेश धर त्रिपाठी के भतीजे हैं.वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में महेश नारायण सिंह ने राकेश धर त्रिपाठी को 45,000 मतों के अंतर से हराया था. तब त्रिपाठी ने बसपा के साथ अपने संक्षिप्त मनमुटाव के चलते प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. अब वह बसपा में आ चुके हैं. हंडिया विधानसभा सीट पर भाजपा ने विद्याकांत को और कांग्रेस ने अमृतलाल बिंद को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर करीब 50 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.

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