नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आज अपना चार साल पूरा कर लिया. चार साल पूरा करने के साथ अब सरकार पांचवें साल में प्रवेश कररही है. किसी भी सरकार के लिए पांचवां साल चुनावी साल माना जाता है, जिसमें पार्टी संगठन चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से लग जाता है. भारतीय जनता पार्टी अध्यक्षअमितशाह इसी क्रम में अगले कुछ दिनों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शीर्ष नेताओं व संघ परिवार के अन्य अनुषांगिक संगठनों के साथ बैठकों का दौर शुरू करेंगे. अमित शाह इन बैठकों के जरिये जमीनी हालात को समझने की कोशिश करेंगे और संघ परिवार से फिडबैक लेंगे.
अमित शाह संघ परिवार केविभिन्न संगठनोंसेजुड़े अलग-अलग लोगों के समूहों के साथ बैठक करेंगे. जैसे, आर्थिक समूह, सेवा समूह, शिक्षा समूह, सुरक्षा समूह, सामाजिक समूह और विचार समूह. इन बैठकों में संघ के सह सर कार्यवाह डाॅ कृष्ण गोपाल एवं दत्तात्रेय हसबोले के भी शामिल होने की संभावना है. इन बैठकों में संघ परिवार के 40 विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
संघ परिवार के विभिन्न संगठनों के जरिये भाजपा को जमीन पर लोगों का मूड समझने में मदद मिलेगी. इससे भारतीय जनता पार्टी को जनता की आंकाक्षाओं व जरूरतों को समझने में भी मदद मिलेगी ताकि चुनावी साल में उस पर अधिक से अधिक खरा उतरने का प्रयास किया जाये.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस साल के अंत में मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है. इन तीनों राज्य में भाजपा सत्ता में है और इनमें से किसी भी एक राज्य पर कांग्रेस के कब्जे से विपक्ष का आत्मविश्वास बढ़ेगा. कर्नाटक इसका ताजा उदाहरण है. अत: इन बैठकों के जरिये अमित शाह इन तीनों राज्यों में भी भाजपा की जीत सुनिश्चित करने की संभावना तलाशेंगे.