भुवनेश्वर : अगले साल होने वाले लोकसभा व ओडिशा विधानसभा चुनाव से पहले बीजू जनता दल को बड़ा झटका लगा है. कई महीनों से नाराज चल रहे पार्टी के तेज-तर्रार सांसद बैजयंत जय पांडा ने आखिरकार पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से असहमतियों के कारण आज इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक को तीन पन्नों का पत्र लिख कर अपनी नाराजगी की वजहें बतायी है.
Baijayant Jay Panda quits Biju Janta Dal, writes to Naveen Patnaik, saying, "It's with deep anguish, hurt and sorrow that I have decided to quit the politics into which our BJD has descended," also wrote that he'll formally convey his decision to the Lok Sabha Speaker. (File pic) pic.twitter.com/DKZEGkUOZ5
— ANI (@ANI) May 28, 2018
बैजयंत जय पांडा ओडिशा के केंद्रपाड़ा से लोकसभा सांसद हैं. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे भविष्य में किस राजनीतिक पार्टी से जुड़ेंगे. ध्यान रहे कि आम चुनाव के अलावा अगले साल ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी होना है, जहां बीजद के अलावा भारतीय जनता पार्टी ने पूरा जोर लगा रखा है. अभी दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ओडिशा के दौरे पर गये थे.
बैजयंत जय पांडा के पिता डॉ वंशीधर पांडा का पिछले सप्ताह 22 मई को निधन हो गया था. उनके अंतिम संस्कार के समय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की गैर मौजूदगी से बैजयंत जय पांडा की पहले से चली आ रही नाराजगी के कारण पार्टी छोड़ने के अंतिम वजह बन गयी. उन्होंने पिता के निधन के दिन 22 मई को ट्विटरपर लिखा था- 87 वर्ष की उम्र में मेरे पिता का निधन हो गया, उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में कांग्रेस, भाजपा व सीपीआइ के वरिष्ठ नेता शामिल हुए और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
जय पांडा ने लिखा है कि पिछले सालों से वे पार्टी में कई तरह से अपमानित किए जा रहे थे, लेकिन पिता के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति इसे छोड़ देने की अंतिम वजह है. पांडा को कुछ माह पूर्व पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निलंबित कर दिया गया था. उनके पिता डॉ वंशीधर पांडा ओडिशा के जाने-माने उद्योगपति हैं और नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक के काफी करीबी थे.
बैजयंत जय पांडा ने पत्र में क्या लिखा है?
जनवरी महीने में बीजू जनता दल (बीजद) की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किए गए लोकसभा सांसद बैजयंत जय पांडा नेनवीनपटनायक को लिखे लंबे पत्र में अपना दु:ख बयान किया है. बीजद के अध्यक्ष और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखी गई तीन पन्नों की चिट्ठी में पांडा ने कहा कि वह इस बात से ‘‘ क्षुब्ध और नाखुश ” हैं कि सत्ताधारी पार्टी के सदस्य सात दिन पहले उनके उद्योगपति पिता बंशीधर पांडा के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. पांडा ने लिखा है, ‘‘ यह अमानवीयता की पराकाष्ठा है जब न तो आप और न ही बीजद का कोई सदस्य मेरे पिता डॉ बंशीधर पांडा को श्रद्धांजलि देने आया, जिनके बारे में सभी जानते हैं कि वह दशकों तक बीजू अंकल (बीजू पटनायक) के बेहद करीबी दोस्त, समर्थक और सहयोगी रहे.” सांसद ने यह भी कहा कि उन्हें यह देखकर काफी दुख हुआ कि बीजद के कई नेताओं को अंतिम-संस्कार में शामिल होने से ‘‘ रोका गया.” उन्होंने चिट्ठी में लिखा, ‘‘ गहरे क्षोभ, दु:ख और अफसोस के साथ मैंने उस तरह की राजनीति छोड़ने का फैसला किया है जिसे हमारा बीजद करने लगा है.” ‘‘ पार्टी विरोधी गतिविधियों ” के आरोप में 24 जनवरी को पटनायक ने पांडा को बीजद से निलंबित कर दिया था. सांसद ने कहा कि वह लोकसभा की सदस्यता छोड़ने के अपने फैसले से स्पीकर सुमित्रा महाजन को अवगत करा देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ बीजद और आप (पटनायक) ने जब पर्याप्त रूप से स्पष्ट कर ही दिया है कि मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे लिए पार्टी से अलग होना ही सही रहेगा. मैं लोकसभा की माननीय स्पीकर को भी औपचारिक तौर पर अपने इस फैसले से अवगत करा दूंगा ताकि वह उस पवित्र संस्था से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. ”
पांडा के फैसले पर फिलहाल बीजद ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.