‘राजनीतिक असहिष्णुता” के सबसे बड़े शिकार प्रधानमंत्री मोदी रहे हैं: नकवी
कानपुर : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘राजनीतिक असहिष्णुता’ के सबसे बड़े शिकार रहे हैं. आधिकारिक बयान के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक असहिष्णुता के सबसे बड़े शिकार रहे […]
कानपुर : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘राजनीतिक असहिष्णुता’ के सबसे बड़े शिकार रहे हैं. आधिकारिक बयान के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक असहिष्णुता के सबसे बड़े शिकार रहे हैं. गुजरात से लेकर दिल्ली तक नरेंद्र मोदी को राजनीतिक रूप से निपटाने की सियासत और साजिश करने वालों को जनता निपटाती गई है.” नकवी ने कहा, ‘‘हमने पिछली केंद्र सरकार के 10 वर्षों की "नाकामियों के निशान" मिटाते हुए कामयाबी के कदमों के पुख्ता निशान बनाये हैं .
मोदी सरकार का हर पल गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं, कमजोर तबकों के "समावेशी-सर्वस्पर्शी विकास”, "सम्मान के साथ सशक्तीकरण" को समर्पित रहा है.” उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों पर "सर्जिकल स्ट्राइक" से लेकर नोटबंदी, जीएसटी जैसे आर्थिक सुधार के बड़े और कड़े कदम उठाये गए. मोदी सरकार आर्थिक, राष्ट्रीय सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय स्तर हर मोर्चे पर सफल रही है. बदलते भारत की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है.” नकवी ने कहा, "जातिवाद, संप्रदायवाद, पूंजीवाद, माओवाद, कांग्रेसवाद की जगह हमने “विकासवाद” को जन आंदोलन बनाया. विकास हमारी मंशा ही नहीं बल्कि मंजिल भी बन कर उभरी है.”
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों को मोदी सरकार द्वारा बनाया गया विकास और विश्वास का माहौल हजम नहीं हो रहा है. नकवी ने कहा, ‘‘पिछले 4 वर्षों में भारत वैश्विक विकास का इंजन बना है. भारत आज विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 419 अरब डॉलर हो गया है. एफडीआई जो 2013-14 में 36 अरब डॉलर था वह 2016-17 में 60 अरब डॉलर हो गया.” अपने मंत्रालय के तहत चल रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए नकवी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के 4 वर्ष भारत की आत्मनिर्भरता, भारतवासियों के आत्मसम्मान के वर्ष रहे हैं. नकवी ने कानपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया.